जानिए क्यों बिहार के बाहर एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी जदयू?

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने तय किया है कि वह बिहार से बाहर एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। यानी बिहार से बाहर विभिन्न राज्यों में वह अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। रविवार को यहां हुई पार्टी की एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया।

Update: 2019-06-09 12:01 GMT

पटना: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने तय किया है कि वह बिहार से बाहर एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। यानी बिहार से बाहर विभिन्न राज्यों में वह अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। रविवार को यहां हुई पार्टी की एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार की मौजूदगी में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ है कि जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में पार्टी अलग चुनाव लड़ेगी। बहरहाल, जेडीयू के इस फैसले पर भाजपा की प्रतिक्रिया नहीं आई है।

नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में मुख्यमंत्री आवास पर हो रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए की विरोधी ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाने का फैसला कर फिर से चर्चा में आए जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी मौजूद रहे। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रवक्ता केसी त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और अन्य कई नेताओं की भी उपस्थिति रही।

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मोदी कैबिनेट 2.0 गठन से दिखी थी दूरी

मोदी सरकार-2 कैबिनेट में जदयू के शामिल नहीं होने के बाद से ही सियासी गलियारों में भाजपा-जदयू के बीच दूरी की हवा उड़ने लगी थी, जब जदयू को एक मंत्री पद का प्रस्ताव दिए जाने से नाराज नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार में भागीदारी से मना कर दिया था।

जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना था कि जो प्रस्ताव दिया गया था, वह स्वीकार्य नहीं था। इसलिए हमलोगों ने यह निर्णय लिया कि जदयू भविष्य में भी एनडीए केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा नहीं होगी। यह हमारा अंतिम निर्णय है।

नीतीश कैबिनेट विस्तार में भाजपा को जगह नहीं

नीतीश कुमार ने दो जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। इनमें सारे आठ मंत्री जदयू कोटे से बनाए गए, जबकि भाजपा से किसी नेता को शामिल नहीं किया गया। हालांकि कैबिनेट विस्तार के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू कोटे से मंत्री पद खाली थे, इसलिए जदयू नेताओं को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दी गई।

भाजपा के साथ टकराव जैसा कोई मुद्दा नहीं है, सबकुछ ठीक है। वहीं, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई संशय नहीं है। नीतीश कुमार के साथ चर्चा हुई थी और मुख्यमंत्री ने खाली मंत्री पद भरने के लिए भाजपा को ऑफर दिया था, लेकिन हम इस पर बाद में फैसला लेंगे।

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आम चुनाव के नतीजों के बाद पहली अहम बैठक

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई। पहले से ही तय था कि बैठक में मुख्य रूप से पार्टी संगठन के मुद्दों पर विचार होगा। लोकसभा चुनाव के बाद अब पार्टी की नजर अगले साल के विधानसभा चुनावों पर है। ऐसे में पार्टी लगातार संगठन विस्तार और इसकी मजबूती पर जोर दे रही है।

मालूम हो कि प्रशांत किशोर के टीएमसी प्रमुख ममता को समर्थन पर प्रतिक्रिया देने से नीतीश कुमार ने किनारा कर लिया था। शनिवार को उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर चुनावी अभियान में रणनीति बनाते हैं। उनकी कंपनी यह काम करती है। पार्टी को उनकी कंपनी के कार्यकलाप से कोई लेना देना नहीं है।

प्रशांत को जो जिम्मेदारी जदयू से मिली है, उसे वो अपने ढंग से पूरा कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को ही स्पष्ट किया था कि रविवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे। आज की बैठक में प्रशांत मौजूद भी हैं।

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