जानिए क्यों मायावती ने सपा को बताया धोखेबाज, सतीश मिश्रा की शान में पढ़े कसीदे
लोकसभा चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच मधुर हुए रिश्तों में खटास अब और बढ़ती जा रही है। रविवार को लखनऊ में संपन्न हुई बसपा की राष्ट्रीय स्तरीय बैठक में मायावती समाजवादी नेताओं पर खूब बरसीं।;
लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच मधुर हुए रिश्तों में खटास अब और बढ़ती जा रही है। रविवार को लखनऊ में संपन्न हुई बसपा की राष्ट्रीय स्तरीय बैठक में मायावती समाजवादी नेताओं पर खूब बरसीं।
यादव वोट बैंक ट्रांसफर नहीं कराने की तोहमत दोहराने के साथ अनेक सीटों पर बसपा की हार के लिए उन्होंने सपा के जिम्मेदार नेताओं को दोषी ठहराया। इतना ही नहीं, मायावती ने चुनाव खत्म होने के बाद अखिलेश द्वारा कोई फोन नहीं करने पर भी कड़ा एतराज जताया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में मायावती करीब 25 मिनट तक बोलीं। उन्होंने कहा कि एसपी के लोग ये कह रहे हैं कि उनकी बदौलत बीएसपी 10 सीटें जीती है तो वो लोग अपने गिरेबां में झांके।
सच्चाई ये है कि एसपी अगर 5 सीटें भी जीत पाई तो सिर्फ इसलिए कि बीएसपी ने उसका साथ दिया। उपचुनाव में हमें ये दिखाना है कि ये जीत हमारी अकेले की जीत है जिसका क्रेडिट एसपी के लोग ले रहे हैं।
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सपा ने दिया धोखा, अखिलेश ने कुछ नहीं किया
मायवती ने कहा कि एसपी के लोगों ने चुनाव में धोखा दिया कई जगहों पर बीएसपी को एसपी के नेताओं ने हराने का काम किया। धार्मिक ध्रुवीकरण को लेकर समाजवादी पार्टी काफी डरी हुई थी इसलिए वो खुलकर मुद्दों को उठाने से कतराती रही।
मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र की तारीफ की और कहा कि जो लोग इनकी शिकायत कर रहे हैं वो जान लें कि सतीश चंद्र मिश्रा मुश्किल वक्त में पार्टी और मेरे साथ खड़े रहे। मायावती ने पुराने वक्त को भी याद किया और कहा कि मेरे ऊपर दर्ज केसों में समाजवादी पार्टी के नेताओं का बड़ा हाथ रहा है।
इसके अलावा मायावती ने लोकसभा चुनाव में एसपी पर बीएसपी के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अखिलेश से कई बार शिकायत की मगर भितरघात होता रहा। अखिलेश ने अपने लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजे आने के बाद भी संपर्क किया मगर अखिलेश ने कोई बात नहीं की। मुझे उन्हें बताना चाहिए था कि आप के लोगों ने कहां-कहां सहयोग नहीं किया।
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अखिलेश ने फोन तक नहीं किया- मायावती
अखिलेश यादव पर कड़ा प्रहार करते हुए मायवती ने कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने मुझे कोई फोन नहीं किया। जबकि सतीश चंद्र मिश्रा ने उन्हें फोन कर मुझसे बात करने के लिए कहा था, बावजूद इसके उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया।
बैठक में आगे बोलते हुए मायवती ने कहा कि मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिंग के दिन उन्हें फोन कर परिवार के हारने पर अफसोस भी जताया। 3 जून को जब दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात हुई तब भी उन्होंने मिश्रा जी को फोन किया लेकिन मुझसे कोई बात नहीं की।
उन्होंने मुझे मैसेज भिजवाया कि मैं मुसलमानों को ज्यादा टिकट न दूं, इससे धार्मिक ध्रुविकरण होगा, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी।
मायावती ने कहा कि अखिलेश के राज में गैर-यादव पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई, इसलिए उन्होंने गठबंधन को वोट नहीं दिया।
समाजवादी पार्टी ने दलितों के प्रमोशन का विरोध किया था इसलिए उन्होंने हमारा विरोध किया। बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष को एसपी के बड़े नेता ने हरवाया उन्होंने अपना वोट बीएसपी के बजाए बीजेपी को ट्रांसफर करवाया। अभी बीएसपी किसी मुद्दे पर कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेगी।
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