Election Breaking: बंगाल में मोदी के नाम पर लड़ेगी BJP, नहीं होगा CM का चेहरा
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी किसी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर नहीं पेश करेगी।
अंशुमान तिवारी
कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी किसी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर नहीं पेश करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास की नीतियों और उनके चेहरे पर दांव लगाएगी। उन्होंने चुनाव में पार्टी की विजय का दावा करते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद पार्टी अपने मुख्यमंत्री का चुनाव करेगी।
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बाद में चुना जाएगा पार्टी का नेता
विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी की ओर से तय किया गया है कि हम पार्टी के किसी भी नेता को मतदाताओं के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह हम पश्चिम बंगाल में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और इस बार टीएमसी को पराजित करने में कामयाब होंगे।
विजयवर्गीय ने कहा कि सत्ता में आने के बाद विधायक दल केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री के रूप में अपने नेता का चुनाव करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने अभी किसी नाम पर विचार किया है, विजयवर्गीय ने कहा कि इसका जवाब तो समय देगा।
भाजपा ने तय किया है यह लक्ष्य
विजयवर्गीय ने दावा किया कि हम लोकसभा चुनावों की तरह विधानसभा चुनाव में भी अपना लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होंगे। पार्टी ने 294 सदस्यीय विधानसभा में 220-230 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में किसी का चेहरा पेश करना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। भाजपा इसके बिना भी कई राज्यों में विजय हासिल कर चुकी है। भाजपा नेता ने कहा कि हमने 2016 का विधानसभा चुनाव भी सीएम के रूप में कोई चेहरा पेश किए बिना ही लड़ा था।
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ममता की नाकामियों को करेंगे उजागर
भाजपा नेता ने कहा कि हम पीएम नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों के दम पर चुनाव लड़ेंगे और ममता सरकार की नाकामियों को मतदाताओं के बीच उजागर करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव हमेशा सत्तारूढ़ सरकार के प्रदर्शन व काम के आधार पर जीते या हारे जाते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 1977 और 2011 में बड़ा बदलाव हुआ था। एक बार वाममोर्चा को सत्ता मिली थी जबकि दूसरी बार उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। दोनों बार सत्तारूढ़ सरकार के काम के आधार पर ही चुनाव का फैसला हुआ था। उन्होंने दावा किया कि इस बार विधानसभा चुनाव में भी राज्य में बड़ा बदलाव होगा।
लोस चुनावों में भाजपा ने सबको चौंकाया
राज्य में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए तृणमूल कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को चौंका दिया था। भाजपा ने राज्य की 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल की थी और उसे राज्य में 41 फ़ीसदी मत मिले थे। तृणमूल कांग्रेस को इस चुनाव में 22 सीटों पर विजय हासिल हुई थी।
भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने सोच-समझकर मुख्यमंत्री के रूप में कोई चेहरा पेश न करने का फैसला किया है। इसे लेकर चुनाव से पहले पार्टी में मतभेद पैदा हो सकते हैं। इसीलिए नरेंद्र मोदी के नाम पर दांव लगाने और ममता सरकार की नाकामियों पर ही ज्यादा फोकस करने का फैसला किया गया है।
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