राजनीति से संन्यास लेना चाहता हूं, मैं गलती से सीएम बन गया था: कुमारस्वामी
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को राजनीति छोड़ने का इशारा दिया। कुमारस्वामी ने कहा, मैं राजनीति से दूर जाने की सोच रहे हैं।
नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को राजनीति छोड़ने का इशारा दिया। कुमारस्वामी ने कहा, मैं राजनीति से दूर जाने की सोच रहे हैं।
मैं गलती से राजनीति में आ गया और गलती से मुख्यमंत्री बन गया। भगवान ने दो बार सीएम बनने का मौका दिया। उन्होंने कहा, 14 महीनों में राज्य के विकास के लिए काफी अच्छा काम किया, मैं अपने काम से संतुष्ट हूं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं हर किसी को संतुष्ट नहीं कर सकता। 14 महीनों में मैंने राज्य के विकास की दिशा में अच्छा काम किया। मैं अपने काम से संतुष्ट हूं। कुमारस्वामी ने आगे कहा, मैं देख रहा हूं कि आज की राजनीति कहां जा रही है।
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‘मुझे शांति से रहने दो’
उन्होंने आगे कहा, “मैं हर किसी को संतुष्ट नहीं कर सकता। 14 महीनों में मैंने राज्य के विकास की दिशा में अच्छा काम किया। मैं अपने काम से संतुष्ट हूँ। मैं देख रहा हूँ कि आज की राजनीति कहाँ जा रही है।”
उन्होंने कहा, “यह लोगों के लिए सही नहीं है। मेरे परिवार को इसमें मत लाओ। बस बहुत हुआ अब और नहीं। मुझे चैन से जीने दो। मुझे राजनीति में नहीं रहना है। मैंने सत्ता में रहते हुए अच्छा किया। मुझे लोगों के दिल में जगह चाहिए।”
कर्नाटक के 14 अयोग्य बागी विधायक अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं। इन 14 बागी विधायकों को कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर केआर रमेश ने अयोग्य घोषित कर दिया था।
इसलिए एचडी कुमारस्वामी को गंवानी पड़ी कुर्सी
कांग्रेस के 11, जेडीएस के तीन विधायकों ने अपनी पार्टी से बगावत करते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। यही कारण बना कि एचडी कुमारस्वामी को अपनी सरकार गंवानी पड़ी।
तत्कालीन स्पीकर रमेश कुमार ने काफी लंबे समय के बाद पहले तीन और बाद में बाकी सभी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था।
ये सभी विधायक इस सरकार के कार्यकाल यानी 2023 तक राज्य में कोई चुनाव या उपचुनाव नहीं लड़ सकते हैं। यही कारण है कि बागी विधायकों में इस फैसले को लेकर इतनी हलचल मची है।
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सभी 14 विधायकों ने निर्णय के खिलाफ शीर्ष न्यायालय जाने का फैसला किया था।
अपनी पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद ये विधायक 23 जुलाई को सदन में उपस्थित नहीं हुए थे। इसके बाद कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिर गई।
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कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई करते हुए कांग्रेस के 11 और जनता दल-सेकुलर (जेडीएस) के तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया था।
विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से नाराज सभी 14 विधायकों ने इस बाबत शीर्ष कोर्ट जाने का फैसला किया था। बागी विधायकों ने कहा था कि वह अयोग्य करार दिए जाने को शीर्ष अदालत में चुनौती देंगे।
क्योंकि कांग्रेस और जद-(एस) द्वारा 23 जुलाई को सत्र में भाग लेने के लिए उन्हें एक व्हिप जारी करने से पहले ही उनकी संयुक्त याचिकाओं पर 11 जुलाई को न्यायालय ने उनके इस्तीफे स्वीकार करने के निर्देश दिए थे।
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