गोविंद नगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के लिए अखिलेश खेलेंगे ये बड़ा दांव
कानपुर: गोविंद नगर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी-बसपा के बाद समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मण चेहरे की तलाश में जुट गई है। इसका सीधा फायदा कांग्रेस पार्टी को मिलने वाला है। दरअसल, कांग्रेस पूर्व विधायक अजय कपूर पर दांव लगाने जा रही है। बीजेपी- बसपा और सपा ब्राह्मण कैंडिडैट उतारने पर विचार कर रही हैं। इस स्थित में गोविंद नगर विधानसभा सीट पर ब्राह्मण वोटरों का विभाजन होना तय है। वहीं, बीजेपी किसी भी कीमत पर ये सीट खोना नहीं चाहती है।
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गोविंद नगर विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों ने शुरू कर दी है। बैठकों के साथ चुनावी रणनीति बनाने का दौर चल रहा है। धीरे-धीरे चुनावी माहौल बनाया जा रहा है। सभी दलों के बड़े पदाधिकारी और नेताओं के रूझान भी आने लगे है।
जारी है बैठकों का दौर
कानपुर के प्रभारी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को गोविंद नगर विधानसभा सीट जिताने की जिम्मेदारी मिली है। बीते आठ दिनों मे वो कानपुर के दो चक्कर लगा चुके हैं और पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रभारी पंकज उपाध्याय और सचिव रोहित चौधरी प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा कर चुके हैं। उधर, सपा-बसपा में भी बैठकों का दौर जारी है।
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गोविंद नगर विधानसभा सीट ब्राह्मण बाहुल क्षेत्र है। बीते वर्षों से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। साल 2012 से 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सत्यदेव पचौरी ने बड़ी जीत हासिल की थी। 2017 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सत्यदेव पचौरी को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था।
खाली है गोविंद नगर विधानसभा सीट
बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्यदेव पचौरी को प्रत्याशी बनाया था। सत्यदेव पचौरी ने धमाकेदार जीत हासिल की। उनकी इस जीत के बाद गोविंद नगर विधानसभा सीट खाली हो गई। कांग्रेस के पुर्व विधायक अजय कपूर गोविंद नगर विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं।
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परिसीमन के बाद अस्त्वि में आई किदवई नगर विधानसभा से साल 2012 में अजय कपूर ने किस्मत आजमाई और जीत हासिल की। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में अजय कपूर किदवई नगर विधानसभा से चुनाव हार गए। अजय कपूर सिंधी समुदाय से आते हैं।
बड़ी संख्या में हैं सिंधी और पंजाबी वोटर
इस क्षेत्र में सिंधी और पंजाबी वोटर बड़ी संख्या में है। इसके साथ ही ब्राह्मण और ओबीसी वोटर हैं। अजय के बड़े भाई विजय कपूर और सबसे छोटे भाई संजय कपूर बड़े उद्योगपतियों में से एक हैं। अजय कपूर की ब्राह्मण, ओबीसी समेत सभी समुदायों और वर्गों में अच्छी पैठ है।
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अगर बीजेपी, सपा और बसपा ब्राह्मण प्रत्याशियों को मैदान में उतारती है तो इस स्थिति में ब्राह्मण वोटरों के वोट बंट जाएंगे। इसका फायदा कांग्रेस पार्टी उठाने की फिराक में है। इस मौके को कांग्रेस गंवाना नहीं चाहती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर की 10 विधानसभा सीटों में से 07 सीटों पर कब्जा किया था। सपा के खाते में दो सीटें और कांग्रेस के खाते में एक सीट गई थी।