शिवपाल और अपर्णा के एक मंच पर आने से कन्नौज संसदीय सीट पर दिखा असर

Update: 2018-10-14 06:41 GMT

कानपुर: मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा सिंह ने चाचा शिवपाल सिंह के साथ मंच साझा करने के बाद कई सवाल खड़े हो गए है। इसका सबसे ज्यादा असर कन्नौज में देखने को मिल रहा रहा है। अचानक सपा के गढ़ इत्र नगरी में इस पर चर्चा शुरू हो गयी कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल सिंह यादव बहु अपर्णा को लोकसभा सीट से मैदान पर उतारेंगे।

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पूरे कन्नौज में इस बात पर बहस भी शुरू हो गयी है ,इसके साथ ही कन्नौज की राजनैतिक पार्टियों में भी इस बात को लेकर चर्चा शुरू गयी है। यदि कन्नौज से अपर्णा चुनावी मैदान में होगी और दूसरी तरफ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तो इस घरेलु युद्ध में किसकी जीत होती यह तय करना तो बहुत मुश्किल है।

समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल शतरंज के बहुत बड़े खिलाडी रहे है। जब से समाजवादी पार्टी की बागडोर मुलायम सिंह के हाथ में आयी तो शिवपाल सिंह यादव का काम रहा कि शतरंज की बिसात कैसे बिछानी है जिससे विपक्षी दलों को मात दी जा सके लेकिन अब समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद अब शिवपाल अपने हुनर का बखूबी इस्तेमाल कर रहे है।

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समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनने के बाद पहली बार शिवपाल सिंह बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के साथ मंच पर आते है। इसके बाद छोटी बहु अपर्णा के साथ मंच साझा करते है। इसका सबसे बड़ा असर समाजवादी पार्टी के खेमे में देखने को मिलता है।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष मुन्ना दरोगा उर्फ़ मजहरुल हक़ के मुताबिक कन्नौज से कोई भी दूसरा उम्मीदवार आएगा तो वहां की जनता को जांचने परखने में वक्त लगेगा। अखिलेश यादव को कन्नौज की जनता जानती है उन्होंने कन्नौज के लिए बहुत कुछ किया है। अखिलेश यादव कन्नौज की जनता के दिलो में बसे है।

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अपर्णा सिंह भी नेता जी की बहु है परिवार की सदस्य है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुनाव के वक्त नेता जी जिसके साथ खड़े होगे जनता उसके साथ होगी क्योंकि कन्नौज की जनता नेता जी को ही अपना नेता मानती है। नेता जी अपनी विरासत अखिलेश यादव को सौपी है हर पिता चाहता है कि बेटा आगे बढे इसमें लोगो को बुरा नही मानना चाहिए। शिवपाल किसी को भी ले आये जीत अखिलेश की ही होगी।

उन्होंने कहा कि आप देख रहे होगे की शिवपाल सिंह के साथ कन्नौज का कोई भी बड़ा नेता उनके साथ शामिल नही हुआ है। बाकि अन्य जनपदों से लोग उनके साथ गए है उनके मोर्चे में शामिल हुए है लेकिन कन्नौज से कोई भी नही गया। जो छुटभैया नेता शामिल हो रहे है तो उन्हें प्लेट फार्म की जरूरत है और वो देख रहे है कि इस प्लेट फार्म में सवार ले। लेकिन हमारे कन्नौज से एक बड़ा नेता मोर्चे के साथ नही गया है है। आप इससे अंदाजा लगा सकते है कि कन्नौज की जनता अखिलेश यादव को कितना चाहती है।

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