महाराष्ट्र में बड़ा एलान: उद्धव सरकार ने भीमा कोरेगांव पर लिया ये फैसला

महाराष्‍ट्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भीमा कोरेगांव और मराठा आंदोलन से जुड़े कई मामलों को वापस लेने की घोषणा की है।

Update:2020-02-27 21:36 IST

नई दिल्ली: महाराष्‍ट्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भीमा कोरेगांव और मराठा आंदोलन से जुड़े कई मामलों को वापस लेने की घोषणा की है। महाराष्‍ट्र सरकार में मंत्री अनिल देशमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि भीमा कोरेगांव केस से जुड़े कुल 649 मामलों में से 348 मामले महाराष्‍ट्र सरकार वापस ले रही है।

साथ ही मराठा आंदोलन के कुल 548 केस में से 460 मामलों को भी सरकार ने वापस लेने की घोषणा की है। कोरेगांव भीमा जांच आयोग ने 2018 को हुई हिंसा के मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार को तलब करने का निर्णय किया है।

पेश हो सकते हैं पवार

न्यायिक पैनल के वकील आशीष सतपुते ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जेएन पटेल ने टिप्पणी की थी कि पवार ने पैनल के समक्ष हलफनामा दाखिल किया है और उन्हें तलब किया जाएगा। उन्होंने कहा था, 'इसके लिए समन जारी किया जाएगा।'

वकील के अनुसार सुनवाई के अंतिम चरण में आयोग पवार को तलब कर सकता है।

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इस महीने की शुरुआत में शिवसेना नीत राज्य सरकार ने आयोग का कार्यकाल आठ अप्रैल तक बढ़ा दिया और आयोग से रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सामाजिक समूह विवेक विचार मंच के सदस्य सागर शिंदे ने पिछले सप्ताह आयोग के समक्ष आवेदन दायर किया था। इस आवेदन में पवार को दो सदस्यीय आयोग के समक्ष गवाही देने के लिए बुलाने का अनुरोध किया है।

कई लोगों की हुई गिरफ्तारी

पुणे पुलिस के अनुसार 31 दिसंबर, 2017 को माओवादियों के समर्थन से पुणे में एल्गार परिषद के सम्मेलन में भड़काऊ भाषण दिए गए थे। जिसके कारण अगले दिन जिले में कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक में जातीय हिंसा हुई थी। दक्षिणपंथी धड़े के नेता मिलिंद एकबोटे और सांभाजी भीड़े कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में आरोपी हैं।

पुणे पुलिस ने एल्गार परिषद मामले में माओवादियों से संबंध के आरोप में वामपंथी विचारधारा के सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, शोमा सेन, अरुण फेरीरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और वरवर राव को गिरफ्तार किया है। पवार ने इससे पहले इन गिरफ्तारियों को गलत और बदला लेने के इरादे से की गई गिरफ्तारी बताया था। और पुणे पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की थी।

पूर्व सीएम ने पवार पर लगाए थे आरोप

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बीजेपी नेता और महाराष्‍ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार कोई ठोस सबूत नहीं होने के बावजूद कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में ‘हिंदुत्ववादियों’(हिंदू समर्थकों) को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, 'मेरे कार्यकाल के दौरान राज्य के गृह विभाग ने कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में व्यापक जांच की थी।

फडणवीस के कार्यकाल के दौरान गृह विभाग का प्रभार भी उनके पास ही था। फडणवीस ने कहा था, 'हिंसा पर NCP प्रमुख शरद पवार की पहली प्रतिक्रिया यही थी कि इसके पीछे हिंदुत्ववादियों का हाथ है। लेकिन पुलिस को उनके दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला।'

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