आरक्षण पर मायावती की बड़ी मांग: SC-ST-OBC के लिए कही ये बात

बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार से अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग) के लिए आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है।

Update:2020-02-16 12:41 IST

नई दिल्ली: बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार से अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग) के लिए आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है ताकि इससे इन समुदायों को सुरक्षा कवच मिल सके। उन्होंने रविवार को सिलेसिलेवार ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार के सामने ये मांग रखी है।

यह भी पढ़ें: खौफनाक आतंकी हमला: 30 लोगों को उतारा मौत के घाट, सेना ने संभाला मोर्चा

केंद्र सरकार के कारण सभी सकारात्मक प्रयास फेल हो रहे हैं

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सिलेसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा कि, कांग्रेस के बाद अब बीजेपी और इनकी केन्द्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहाँ सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास फेल हो रहा है, जो अति गंभीर व दुर्भाग्यपूर्ण है।



यह भी पढ़ें: 65th Filmfare Award: इस फिल्म ने सभी मूवी को पछाड़, जीते 12 अवार्ड

मायावती ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

उन्होंने आरोप लगाया है कि, केन्द्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही मा. कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है। उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं।



आरक्षण व्यवस्था को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

मायावती ने सरकार के सामने दोबारा मांग रखते हुए कहा कि, ऐसे में केन्द्र सरकार से पुनः माँग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।



यह भी पढ़ें: कॉफी में मिलाइए ये चीज, फिर देखिए कमाल, मिलेगा हर समस्या से निदान

Tags:    

Similar News