मायावती का इकलौता MLA भी छोड़ गया साथ, अब नीतीश कैबिनेट में बनेगा मंत्री

कैमूर के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले बसपा के इकलौते विधायक मोहम्मद जमा खान के पार्टी छोड़ने को मायावती के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

Update: 2021-01-23 05:24 GMT

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी का सिर्फ एक प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हुआ था और अब इस विधायक ने भी पार्टी को झटका देते हुए जदयू में शामिल होने का फैसला किया है।

कैमूर के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले बसपा के इकलौते विधायक मोहम्मद जमा खान के पार्टी छोड़ने को मायावती के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। खान के जदयू में शामिल होने के बाद मंत्री भी बनाए जाने की संभावना जताई गई है।

बसपा का सिर्फ एक प्रत्याशी हुआ था विजयी

बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समाज पार्टी से गठबंधन किया था और राज्य की 80 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि मायावती ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए कोई विशेष मेहनत नहीं की थी।

ये भी पढ़ेंः मोदी का बंगाल दौराः देगा बड़ा सियासी संदेश, जवाब में ममता करेंगी शक्ति प्रदर्शन

चुनाव के दौरान एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला होने के कारण बसपा को ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी। पार्टी का सिर्फ एक प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब रहा। पार्टी प्रत्याशी मोहम्मद जमाल खान ने कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत का परचम फहराया था।

बसपा विधायक की जदयू में एंट्री

अब मायावती का यह इकलौता सिपाही भी उनसे नाराज होकर जदयू में जा रहा है। खान ने गत 18 दिसंबर को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मुलाकात की थी और तब से ही उनके जदयू में जाने के कयास लगाए जा रहे थे। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के समय उनके साथ कांग्रेस के विधायक मुरारी गौतम भी थे। दोनों विधायकों ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष से करीब दो घंटे तक बातचीत की थी। इसके बाद से ही सियासी हलकों खान के बसपा छोड़ने की चर्चाएं तैर रही थीं। आखिरकार यह बात सही साबित हुई और खान ने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है।

खरमास के बाद बड़ी टूट नहीं

एनडीए और विपक्षी महागठबंधन की ओर से खरमास के बाद एक दूसरे में टूट के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे मगर अभी तक हकीकत में ऐसा कुछ नहीं दिखा है। खास तौर पर भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और राजद नेता श्याम रजक की ओर से विधायकों के टूटने का दावा किया गया था मगर खरमास समाप्त होने के कई दिनों बाद भी किसी भी सियासी दल में अभी तक बड़ी टूट नहीं दिखी है।

मंत्रिमंडल विस्तार में मिलेगी जगह

बिहार में इन दिनों नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार की सरगर्मियां तेज हैं और माना जा रहा है कि खान को भी नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। मौजूदा समय में बिहार सरकार में नीतीश कुमार के अलावा तेरह मंत्री हैं।

ये भी पढ़ेंः किसान नेताओं पर खतरा: गोली मारने के आदेश जारी, सिंघु बॉर्डर पर शूटर का खुलासा

मंत्रियों की संख्या कम होने के कारण एक-एक मंत्री पर कई कई विभागों का बोझ है और काफी दिनों से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं चल रही हैं।

जानकारों का कहना है कि शीतकालीन सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में विपक्ष के हंगामे को देखते हुए इस बार मंत्रिमंडल में सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रखा जाएगा। युवा, अति पिछड़े व दलित वर्ग से आने वाले विधायकों को भी मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

शाहनवाज व श्रेयसी का नाम भी चर्चा में

हाल में विधानपरिषद का निर्विरोध चुनाव जीतने वाले भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं हैं। उनके अलावा अंतरराष्ट्रीय शूटर और जमुई से भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह को भी नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है।

इन दोनों के अलावा पूर्व मंत्री और झंझारपुर के विधायक नीतीश मिश्रा और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी का नाम भी मंत्री पद के लिए चर्चाओं में है। सियासी जानकारों के मुताबिक बरौली के विधायक रामप्रवेश राय और युवा विधायक नितिन नवीन को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और नालंदा से जदयू विधायक श्रवण कुमार और एनडीए को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सुमित सिंह के मंत्री बनने की प्रबल संभावना मानी जा रही है। बसपा छोड़कर जदयू का दामन थामने वाले मोहम्मद जमा खान का भी मंत्री बनना तय बताया जा रहा है।

अंशुमान तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News