देश का सबसे ताकतवर गांव: जहां से निकले डिप्टी सीएम, मंत्री और विधायक

आपने देखा होगा कि आपके जिले या फिर गांव में एक दो बड़े नेता होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक ऐसा भी गांव है जिस गांव में पांच बड़े नेता हैं।दरअसल,हरियाणा के सिरसा गांव से डिप्टी सीएम, एक मंत्री और तीन विधायक हैं।

Update: 2019-12-28 12:38 GMT

नई दिल्ली: आपने देखा होगा कि आपके जिले या फिर गांव में एक दो बड़े नेता होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक ऐसा भी गांव है जिस गांव में पांच बड़े नेता हैं।दरअसल,हरियाणा के सिरसा गांव से डिप्टी सीएम, एक मंत्री और तीन विधायक हैं। वैसे तो हरियाणा की राजनीति में इस गांव का दबदबा दशकों पुराना है लेकिन गांव की रौनक इस बार के विधानसभा चुनाव में फिर लौटी जब इसी गांव के पांच नेताओं ने विधानसभा में शपथ लिया। तो आइए जानते हैं हरियाणा के सिरसा के इस गांव के बारे में...

गौरतलब है कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने चुनाव लड़ा था। लेकिन केवल दस सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई। फिर भी सत्ता की चाबी दुष्यंत चौटाला के हाथ में रही। भाजपा-जजपा का गठबंधन हुआ और दुष्यंत चौटाला हरियाणा के सबसे युवा उपमुख्यमंत्री बनाए गए। दुष्यंत चौटाला सिरसा जिले के चौटाला गांव से ताल्लुक रखते हैं और हम इसी गांव की बात भी कर रहे हैं।

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चौटाला गांव से संबंध रखने वाले पांच व्यक्ति इस बार विधायक हैं। जिसमें से चौधरी देवीलाल के कुनबे से चार विधायक हैं। इनमें बिजली मंत्री रणजीत सिंह, अभय सिंह चौटाला, दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाला हैं। वहीं इस गांव से ही अमित सिहाग भी संबंध रखते हैं। दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला बाढ़डा सीट से विधायक हैं। वहीं चाचा अभय चौटाला ऐलनाबाद से विधायक हैं।

कौन हैं दुष्यंत चौटाला?

अमेरिका के कैलिफॉर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन करने वाले दुष्यंत हिमाचल प्रदेश के लॉरेन्स स्कूल से स्कूली पढ़ाई की है। इसके साथ ही वे नेशनल लॉ कॉलेज से कानून में पोस्टग्रेजुएट भी हैं। वे अपनी सभाओं में युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा लगातार उठाते हैं।

यही कारण है कि वे युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। दुष्यंत में राजनीति में दम दिखाने का साहस है और अपने साहस के दम पर ही उन्होंने मात्र 11 महीने में जेजेपी को राज्य की ताकतवर पार्टी बना दिया।

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बेरोजगारी को बनाया मुद्दा

दिसम्बर 2018 में उन्होंने अपने दादा और राज्य के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला से बगावत कर अपने दम पर पार्टी बनाई और इस चुनाव में बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बना दिया। उनकी प्रगतिशील और विकासपरक सोच ने युवाओं को काफी लुभाया। दुष्यंत का साहस इससे भी समझा जा सकता है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्होंने केंद्रीय मंत्री रह चुके राज्य के कद्दावर नेता बिरेंदर सिंह की पत्नी प्रेमलता के खिलाफ उचाना कलान क्षेत्र से चुनाव लडऩे में भी हिचक नहीं दिखाई।

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