प्रशांत किशोर का बड़ा बयान: "मज़बूत विपक्ष के लिए कांग्रेस के पास नहीं है कोई दिव्य अधिकार"

Political News : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में ट्विटर के माध्यम से कांग्रेस पर हमला बोला है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shraddha
Update: 2021-12-02 10:45 GMT

प्रशांत किशोर का बड़ा बयान (फाइल फोटो - सोशल मीडिया)

Political News : देश के जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर (Political Advisor Prashant Kishor) ने हाल ही में ट्विटर के माध्यम से कांग्रेस पर हमला बोला है। गुरुवार को प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि-"कांग्रेस जिस विचार और विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती है वह एक मजबूत विपक्ष के लिए बेहद महत्वपूर्ण है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व या किसी व्यक्ति के पास इसका दिव्य अधिकार नहीं है। खासकर तब, जब पार्टी पिछले 10 वर्षों में अपने 90 प्रतिशत से अधिक चुनाव हारी हो। विपक्षी नेतृत्व का निर्धारण लोकतांत्रिक तरीके से ही होने देना चाहिए"

प्रशांत किशोर का यह बयान ममता बनर्जी के मुम्बई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलने के ठीक एक दिन बाद आया है। बुधवार को शरद पवार से भेंट के पश्चात ममता बनर्जी ने सवाल पूछते हुए कहा था कि यूपीए गठबंधन कहाँ है? साथ ही ममता बनर्जी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उनके विदेश यात्राओं पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा था कि अपना ज़्यादातर समय विदेश में बिताकर कोई भी देश में राजनीति नहीं कर सकता है।

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने ममता बनर्जी के इन सवालों पर कहा था कि-"कांग्रेस देश की सबसे पूरानी पार्टी है और केंद्र में कोई भी विपक्ष कांग्रेस के बिना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है। कांग्रेस के बिना विपक्ष की कल्पना करना एक ख्वाब मात्र है।"

हाल ही में सम्पन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर की मदद ली थी और अब तृणमूल कांग्रेस पार्टी का गोवा और मिज़ोरम जैसे राज्यों में विस्तार हेतु भी प्रशांत किशोर पार्टी को अपनी सेवाएं मुहैया करा रहे हैं।

प्रशांत किशोर के इस बयान से इस बात की कवायद तेज हो गयी है कि प्रशांत किशोर और तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी को केंद्र में बड़े चेहरे के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। इसी के मद्देनजर ममता बनर्जी बीते कुछ समय से लगातार दिल्ली, मुम्बई सहित देश के कई अन्य राज्यों और शहरों का दौरा कर वहां की क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं तथा खासतौर से गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस शाषित राज्यों में जाकर वहां के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं से चर्चा कर अपने रजनीतिक आयाम को नया आकर देने में लगी हुई हैं।

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