दिल्ली हिंसा पर सियासत जारी, ओवैसी के बाद ममता ने भी बताया सुनियोजित नरसंहार

देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा तो अब थम गई है। लेकिन उस पर होने वाली राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही है। वो अभी भी ज़ारी है।

Update: 2020-03-02 09:35 GMT

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा तो अब थम गई है। लेकिन उस पर होने वाली राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही है। वो अभी भी ज़ारी है। विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक लगातार बयानवाजी और राजनीति का दौर ज़ारी है। अब ताजा बयान अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हैं। दोनों ने दिल्ली हिंसा को एक सुनयोजित नर संहार बताया है।

नरसंहार के लिए बीजेपी मांगे माफी

TMC प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली की हिंसा सुनियोजित नरसंहार है। ममता बनर्जी ने केंद्र की सत्ता से बीजेपी को हटाने का आह्वान भी किया। ममता ने कहा कि हम आज संकल्प लेते हैं कि जब तक तानाशाह सरकार को जड़ से उखाड़ नहीं फेंकते हैं तब तक हम रुकेंगे नहीं।

ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली नरसंहार है और बीजेपी ने अभी तक इसके लिए माफी भी नहीं मांगी, और ऊपर से उनकी बेशर्मी देखिए यहां आकर कहते हैं कि वे बंगाल लेकर जाएंगे। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश जाकर देखिए लोगों को बोलने तक की आजादी नहीं है। वहां अगर महिलाएं शिकायत दर्ज कराती हैं तो उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।

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दिल्ली हिंसा पर सवाल करते हुए TMC प्रमुख ने कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कि इतनी मौतें हुईं हैं, फिर भी बीजेपी नेताओं को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है, जो लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं।

ओवैसी ने किया बीजेपी से सवाल

ममता से पहले AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दिल्ली हिंसा को नरसंहार करार दिया। ओवैसी ने कहा कि यह नरसंहार है। सरकार दो दिनों तक शांत क्यों रहीं।

ओवैसी ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि भीड़ को उकसाने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। ओवैसी ने कहा कि नरेश गुजराल की अपील को नजरअंदाज किया गया। यह बिल्कुल वैसे ही जैसे गुजरात में 2002 में एहसान जाफरी के साथ हुआ था।

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हंगामें के चलते राज्यसभा स्थगित

दिल्ली में हिंसा का असर राज्यसभा में भी देखने को मिला। हिंसा को लेकर संसद का बजट सत्र का दूसरा चरण हंगामे के साथ शुरू हुआ। राज्यसभा में विपक्ष सांसदों ने दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग की। सभापति ने कहा कि हम सभी को शांति की अपील करनी चाहिए। इसके बाद कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तीन दिन दिल्ली में हिंसा हुई, सरकार सोई रही और कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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इसके बाद सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

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