गन्ना किसानों के गढ़ में आज पहुंचेगी प्रियंका, पश्चिम यूपी की किसान राजनीति पर नजर

पश्चिम उत्तर प्रदेश के गन्ना बेल्ट का बिजनौर को केंद्र माना जाता है। चांदपुर शुगर मिल इस इलाके के किसानों का बड़े पैमाने पर गन्ना खरीदती रही है।

Update:2021-02-15 10:25 IST
गन्ना किसानों के गढ़ में आज पहुंचेगी प्रियंका, पश्चिम यूपी की किसान राजनीति पर नजर (PC: social media)

अखिलेश तिवारी

लखनऊ: गन्ना किसानों का गढ़ माने जाने वाले पश्चिम उत्तर प्रदेश के चांदपुर बिजनौर में सोमवार को प्रियंका गांधी वाड्रा पहुंच रही हैं। चांदपुर गन्ना मिल के पास आयोजित होने वाली सभा में वह गन्ना किसानों के उस दर्द पर मरहम लगाने की कोशिश करेंगी जो पिछले 4 साल से लागत मूल्य बढ़ने के बाद भी विक्रय मूल्य में कोई इजाफा ना होने से किसानों को मिल रहा है। किसान आंदोलन को पश्चिम उत्तर प्रदेश से मिल रहे बड़े समर्थन को भी प्रियंका गांधी कांग्रेस के पक्ष में करना चाहती हैं। सहारनपुर के बाद बिजनौर पहुंच रही प्रियंका का अगला कार्यक्रम मथुरा और अलीगढ़ में प्रस्तावित है।

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पश्चिम उत्तर प्रदेश के गन्ना बेल्ट का बिजनौर को केंद्र माना जाता है

पश्चिम उत्तर प्रदेश के गन्ना बेल्ट का बिजनौर को केंद्र माना जाता है। चांदपुर शुगर मिल इस इलाके के किसानों का बड़े पैमाने पर गन्ना खरीदती रही है। उसी चांदपुर में सोमवार दोपहर 12:00 बजे प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी सभा करने जा रही हैं। इस कार्यक्रम को किसान महापंचायत का नाम दिया गया है। कांग्रेस से जुड़े नेताओं का दावा है कि बिजनौर के कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा लोग जुटेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा कार्यक्रम के जरिए पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों की नब्ज टटोलने का प्रयास कर रही हैं। उनके दुख दर्द को समझ कर भाजपा सरकार की उन नीतियों पर हमला करेंगे जिनकी वजह से किसानों की हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती जा रही है।

तो गन्ने की खेती फायदे के बजाय नुकसान का सौदा बन गई है

गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य की समस्या हर साल बनी रहती है इसके साथ ही पिछले 4 साल से भारतीय जनता पार्टी के सरकार ने गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया है जबकि डीजल, बिजली, खाद और बीज समेत सभी मद में किसानों की लागत बढ़ी है। हाल यह हो चुका है कि अगर गन्ना किसान परिवार समेत मिलकर खेत पर काम न करें। तो गन्ने की खेती फायदे के बजाय नुकसान का सौदा बन गई है। योगी सरकार ने पिछले 4 साल में गन्ने का मूल्य बढ़ाने के बजाय किसानों को गन्ना ना होने की सलाह दी है।

गन्ना किसानों को ज्यादा गन्ना बोने की आवश्यकता नहीं है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सभाओं में कई बार कह चुके हैं कि गन्ना किसानों को ज्यादा गन्ना बोने की आवश्यकता नहीं है। किसानों के लिए गन्ना नकद फसल के तौर पर है और जब किसी को बोने से मना किया जा रहा है जाहिर है कि सरकार किसानों के बारे में कुछ ज्यादा सोच नहीं रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि किसानों की इसी पीड़ा को प्रियंका गांधी अपनी सभा में उठाएंगे और बताएंगे कि किस तरह उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों के खिलाफ खड़ी है।

केंद्र सरकार का कृषि सुधार कानून पहले ही किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से किसानों को बेहतर भविष्य की उम्मीद नहीं है। किसान राजनीति के मर्म को समझते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने सहारनपुर में भी पिछले सप्ताह एक सभा की है बिजनौर कि इस सभा के बाद वह 19 फरवरी को मथुरा और 20 फरवरी को अलीगढ़ में भी किसानों की को संबोधित करेंगी।

प्रियंका उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को पुनः स्थापित करने की कवायद कर रही हैं

पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ सीधा संवाद कर प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को पुनः स्थापित करने की कवायद कर रही हैं। कांग्रेस का मानना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश का किसान अगर कांग्रेस के साथ खुलकर आ गया तो उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार को हटाने के लिए कांग्रेस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।

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पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी भाजपा को हराना आसान हो जाएगा

उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिर उसे बदलाव का स्वाभाविक कारण मान लिया जाएगा। एक बार उस पश्चिम उत्तर प्रदेश से बदलाव की बयार चल निकली तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी भाजपा को हराना आसान हो जाएगा। इसी विचार के साथ कांग्रेस ने किसान आंदोलन से तैयार हुई जमीन पर राजनीतिक बदलाव की फसल बोने की रणनीति बनाई है जिस पर अमल करने के लिए सोमवार को प्रियंका बिजनौर पहुंच रही हैं अब देखना यह होगा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश का किसान मतदाता कितनी शिद्दत के साथ कांग्रेस के साथ खड़ा दिखाई देता है।

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