महिला मुद्दों पर सपा का महिला घेरा आंदोलन 13 को, सरोजिनी नायडू का है जन्मदिन
उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिवस को सपा ने ''राष्ट्रीय महिला दिवस'' के रूप में मनाने का फैसला किया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर समाजवादी पार्टी ने समाजवादी महिला घेरा कार्यक्रम का एलान किया है। महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित इस कार्यक्रम के जरिये पार्टी महिला अधिकारों और प्रदेश में महिला उत्पीडऩ घटनाओं को मुद्दा बनाना चाह रही है।
''समाजवादी महिला घेरा'' का आयोजन 13 फरवरी को
उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिवस को सपा ने ''राष्ट्रीय महिला दिवस'' के रूप में मनाने का फैसला किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सभी जिला मुख्यालयों पर ''समाजवादी महिला घेरा'' कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें महिलाओं से सम्बन्धित मुद्दों पर विचारगोष्ठी की जाएगी।
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सरोजिनी नायडू का जन्मदिन राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने का फैसला
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि सरोजिनी नायडू ने गांधी जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में कई आंदोलनों का नेतृत्व किया और जेल भी गईं। वह बहुभाषाविद और अच्छी कवियित्री भी थी। सरोजिनी नायडू ने लंदन के किंग्स कालेज और कैम्ब्रिज के गिरटन कालेज में अध्ययन किया था। 1925 में उन्हें कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बनीं और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रदेश की पहली राज्यपाल भी बनी। उन्होंने अपना सारा जीवन देश और समाज सेवा के लिए अर्पित कर दिया।
यूपी में महिलाओं की दुर्दशा पर सपा चिंतित
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में महिलाओं की बड़ी दुर्दशा हो रही है। महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार की घटनाएं बढ़ी है। महिला स्वास्थ्य सेवाओं में कमी की वजह से प्रसूति सेवाओं में कमी और पोषण की समस्या भी पैदा हुई है। शिक्षिका, आशा-आंगनबाड़ी और अन्य नौकरियों में वेतन विसंगति के साथ गरीब निराश्रित महिलाओं के पेंशन की भी समस्या है।
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सपा सरकार में महिला हेल्पलाइन 181 और महिला पावर लाइन 1090 की व्यवस्था
बैंकों में घटती ब्याज दर से घरेलू बचत को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। महिलाओं की घरेलू अर्थ व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। शिक्षा और राजनीति में महिलाओं की उपेक्षा चिंताजनक है। समाजवादी सरकार के कार्यकाल में महिला हेल्पलाइन 181 तथा महिला पावर लाइन 1090 की व्यवस्था की गई थी। हेल्प लाइन 181 से प्रसूताओं को अस्पताल लाने ले जाने की सुविधा थी जबकि 1090 सेवा महिलाओं से सम्बन्धित अपराध नियंत्रण में सहायक थी। यह सारी व्यवस्थाएं फेल हो गई हैं। इन्हीं सब सवालों को लेकर महिलाएं के घेरा कार्यक्रम में चर्चा की जाएगी।
अखिलेश तिवारी
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