शाहजहांपुर स्कूल कांड : पूर्व सांसद ने सीएम को लिखी चिट्ठी, कार्यवाही की मांग

Update: 2018-10-17 13:56 GMT

शाहजहांपुर : निर्माणाधीन स्कूल की बिल्डिंग गिरने के मामले में राजनीति गरमा गई है। पूर्व सांसद मिथिलेश कुमार ने प्रमुख सचिव गृह को एक लेटर लिखा है। जिसमें जिला प्रशासन की कार्यवाही पर बङे सवाल उठाए है।

पूर्व सांसद ने लेटर मे लिखा है कि निर्माणाधीन स्कूल का लेंटर गिरने के मामले मे भवन स्वामी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वह खुलेआम घूम रहे हैं। साथ ही अभी तक मृतक मजदूरों के परिवारों को सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। ऎसे मे पूर्व सांसद ने प्रमुख सचिव और मुख्यमंत्री से आरोपियों पर कार्यवाही और मृतक परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। पूर्व सांसद का कहना है कि अगर लेटर लिखने के बाद उचित मुआवजा नहीं दिया गया तो सपा सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।

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सपा से पूर्व सांसद मिथिलेश कुमार ने newstrack.com से बात करते हुए कहा कि एक लेटर प्रमुख सचिव और एक मुख्यमंत्री को लिखा है। निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने के मामले मे चार मजदूरों की मौत हो गई जबकि 14 मजदूर अभी भी अस्पताल मे जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। अभी तक गरीब मृतक मजदूरों के परिजनों को कोई मुआवजा सरकार की तरफ से नही मिला है। जबकि मलबे में दबकर मरने वालेे मजदूर बेहद गरीब थे। वह दिन भर मेनहत करने के बाद शाम मे कमाए हुुए पैसे से सब्जी लेकर घर जाते थे और उसकेे बाद उनके घर मे रोटी बनती थी। पूर्व सांसद ने मांग कि है कि मृतक के परिवार को 20 सेे 25 लाख रुपये का मुआवजा सरकार दे ताकि आगे का जीवन उनका कठिनाईयों भरा न हो।

पूर्व सांसद ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने लेटर मे जिला प्रशासन की कार्यवाही को भी कटघरे मे खङा किया है। भवन स्वामी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है यहां तक कि मरने वाले मजदूरों के दोषियों को पुलिस प्रशासन अभी तक पकड़ नहीं सका है। इससे ये साफ हो गया कि जिला प्रशासन दोषियों को बचाने मे उनका साथ दे रहा है।

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उनका कहना है कि जिस भवन को बनाया जा रहा था। वह भवन किसी एक का नहीं था। लेकिन जिला प्रशासन ने सिर्फ एक भवन स्वामी पर मुकदमा दर्ज कर दिया। लेकिन उसके पार्टनर को बख्श दिया जो अभी खुले घूम रहे हैं। पार्टनर भी उतने दोषी है जितने नामजद। पुलिस प्रशासन अभी तक नामजद आरोपियों को गिरफ्तार तक नही कर पाई है। इधर घायल मजदूरों को भवन स्वामी पचास पचास हजार का चेक बांट रहे हैं। चेक बांटने वाले भी उतने ही दोषी है जितने नामजद है।

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