सोनिया जी! आपके इलाके में थाली-कटोरी से नाली साफ कर रहे लोग  

Update:2018-07-04 16:21 IST

रायबरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्‍वच्‍छता अभियान को उन्हीं के अधिकारी ही पलीता लगाने का कोई भी मौक़ा नहीं छोड़ रहे हैं। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में प्रधानमंत्री का स्वच्‍छता अभियान हांफ रहा है। यहां इलाकों में नालियों से लोग अपने घर की थाली और कटोरी से पानी निकालने की जुगत करने को मजबूर हैं। रायबरेली में तैनात नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिकारी आंकड़ों की बाजीगरी कर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। एक ओर इस काम पर करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं, दूसरी तरफ हालात जस के तस बने हुए हैं।

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रायबरेली बना रैंक वन

केंद्र सरकार के नगर विकास मंत्रालय द्वारा कराये गए स्वच्‍छता सर्वेक्षण में रायबरेली मंडल में पहले स्थान पर है। रायबरेली नगर पालिका इसी को अपनी ढाल बनाकर नाकामियां छुपाने का पूरा प्रयास कर रही है। रायबरेली नगर पालिका के क्षेत्र में 32 वार्ड हैं। कोई भी वार्ड ऐसा नहीं है जहां पर गन्दगी और बरसात के मौसम में जलभराव न हो, हालात तो यहां तक पंहुच जाते है कि लोगों को घरों में घुसे गंदे पानी को निकालने के लिए बाल्टी के साथ-साथ थाली और कटोरी का भी इस्तेमाल करना पड़ता है।

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इन इलाकों में हालत बदतर

जनपद के 32 वार्डों में बारिश के मौसम में कमोबेश जलभराव हो जाता है। इनमें से मुख्यतः शहर के इंदिरा नगर, प्रकाश नगर, सत्य नगर, निराला नगर मलिन बस्ती, नयापुरवा, सोनिया नगर, रतापुर गांव के पास और कई ऐसे मोहल्ले तथा नए बने मोहल्ले हैं, जहां बारिश आते ही लोगों की रूहें कांप जाती हैं। यही नहीं शहर के बाहर आख़िरी वार्ड बरखापुर में तो हालात बद से बदत्तर हो रहे हैं। लोगों को यह नहीं पता होता कि वह रात में अपने कमरे में सोयेंगे तो सुबह जब वह अपना पैर चारपाई से उतारेंगे तो वह पानी में जाएगा या फिर जमीन पर। ऐसे हालात इसलिए हैं क्‍योंकि जनपद के मोहल्लों में नालियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं। नालों की स्थिति दयनीय है। वर्षों पुरानी सीवर पाइप लाइन है, जो कि आज की आबादी के लिए अपर्याप्त है। प्रति वर्ष बारिश के मौसम में मोहल्लों में जलभराव हो जाता है। यह बात खुद नगर पालिका के अधिकारी स्वीकार करते हैं। हालांकि बारिश नजदीक आते ही नालों की सफाई में करोड़ों रुपये का बजट पानी की तरह बहा दिया जाता है। लेकिन हालात जस के तस ही बने रहते हैं। जनपद में यह हालात तो शहर के हैं। कमोबेश यही हालात नगर पंचायतों के कस्बों में भी हैं।

अधिकारी बोले- करोड़ों की लागत से काम जारी

रायबरेली नगर पालिका के ईओ (अधिशाषी अधिकारी) मुशीर अहमद ने बताया कि जलभराव के संबंध में अप्रैल माह से सफाई का काम जारी है। अब तक 44 नालों की सफाई कराई जा चुकी है। तीन जेसीबी मशीन द्वारा सफाई का कार्य किया जा रहा है। कूड़े का भी निस्तारण किया जा रहा है। रात में नालों की सिल्ट का मलबा उठाने का भी निस्तारण किया जा रहा है। जो लोग दुकान के सामने अतिक्रमण लगाएं हैं, उनको नोटिस दी जा रही है। जलभराव नंबर 1 नयापुरवा, नंबर दो सोनिया नगर, नंबर 3 रतापुर गांव के पास और कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां पर जलभराव की दिक्कत होती रहती है। उनको निकालने के लिए अथक प्रयास किए जाते हैं। 25 मट पंप हैं जो पानी निकालते हैं। 8 डीजल इंजन पंप हैं, जो मोबाइल के रूप में काम करते हैं। जहां जरूरत पड़ती हैं वहां पर तुरंत उनको लगाया जाता है। रायबरेली में सीवर का काम 433 करोड़ की लागत से अमृत योजना के तहत जल निकासी की सीवर लाइन का प्रपोजल तैयार किया गया है। जिससे जल्द ही पानी का निस्तारण हो जाएगा और 25 लोग लगाए गए हैं। सफाई का काम जारी है।

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