निकाय चुनाव : सपा-बसपा मुखिया प्रचार से गायब, भाजपा-कांग्रेस ने झोंकी ताकत

Update: 2017-11-18 14:51 GMT

लखनऊ : निकाय चुनावों में भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती परिदृश्य से पूरी तरह गायब हैं। बसपा ने प्रत्याशियों के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए प्रचार की जिम्मेदारी जोनल और मण्डल कोआर्डिनेटरों को सौंप रखी है। सपा की तरफ से पूर्व मंत्री और ​विधायकों ने मोर्चा संभाला है। उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर मण्डलीय बैठक के बाद जिलों में सभाओं के साथ रोड शो कर समर्थन जुटाने में लगे हैं।

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जबकि बीजेपी की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ, ​डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश कुमार शर्मा लगातार सभाएं कर रहे है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शनिवार को राजधानी में सभाएं कर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष डा महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने शनिवार को मुजफ्फरनगर, मेरठ और गाजियाबाद में संयुक्त रूप से जनसभाओं को सम्बोधित किया। इसके अलावा सीएम योगी का 19 से 27 नवम्बर तक करीबन 18 जिलों में जनसभाओं का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर रविवार ने शनिवार को फैजाबाद और अम्बेडकरनगर में प्रत्याशियों के पक्ष में रोड शो किया। आगरा में रविवार को उनका रोड शो प्रस्तावित है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने भी कानपुर में प्रचार किया।पार्टी के राष्ट्रीय सचिव शकील अहमद अल्पसंख्यक बहुल जिलों में प्रचार में जुटे हैं। रविवार को वह शामली के कान्धला, झिंझाना और कैराना में रहेंगे। सांसद संजय सिंह और प्रमोद तिवारी भी धुआंधार जनसभाए कर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अलग-अलग जिलों में 27 नवम्बर तक सभाओं और रोड शो का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

बसपा पहली बार निकाय चुनाव अपने सिम्बल पर लड़ रही है। पर प्रत्याशियों के सामने अलग तरह की परेशानी है। भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के दौरे के बीच उन्हें अपने प्रचार को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय नेताओं के कार्यक्रम की हरी झंडी नहीं मिल रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि बसपा मुखिया ने प्रत्याशियों के पक्ष में समर्थन ​जुटाने का जिम्मा मंडल और जोनल कोआर्डिनेटर को सौंप रखा है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर सक्रिय दिख रहे हैं। अपने टिवटर हैंडिल से वह राज्य सरकार पर लगातार तीखे कटाक्ष कर रहे हैं। पर कांग्रेस के रोड शो और भाजपा के दिग्गज नेताओं के तूफानी दौरों का जमीन पर उतरकर जवाब देने नहीं उतर रहे हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि पूर्व सीएम का पूर्वांचल की सीटों पर ज्यादा फोकस है। उनमें भी पीएम का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, सीएम का गृह जनपद गोरखपुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के क्षेत्र चंदौली खास मायने रखता है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी को इन जिलों का प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने स्थानीय तौर पर पूर्व मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों को भाजपा के चुनावी चक्रव्यूह को भेदने की जिम्मेदारी सौंपी है।

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