UP Election Result : मायावती का गड्डू जमाली पर बड़ा दांव, आजमगढ़ सीट हो सकते हैं BSP उम्मीदवार

UP Election Result : यूपी चुनाव में मिली BSP को मिली करारी हार की समीक्षा करने के लिए मायावती ने रविवार को पार्टी की बड़ी बैठक बुलाई। बैठक में मायावती ने बसपा की सभी इकाइयों को भंग कर दिया।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Newstrack :  Ashutosh Tripathi
Update:2022-03-27 14:02 IST

मायावती (तस्वीर साभार : आशुतोष त्रिपाठी, न्यूज़ट्रैक) 

UP Election Result : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP assembly election 2022) में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) का प्रदर्शन इस बार सबसे बुरा रहा। जिसके बाद बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने बड़ा कदम उठाते हुए रविवार को प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष को छोड़ पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया। साथ ही मायावती ने 3 चीफ कोऑर्डिनेटर बनाए हैं जो हार की समीक्षा करेंगे।

बैठक में आए पार्टी से सभी उम्मीदवार

बहुजन समाज पार्टी के यूपी विधानसभा चुनाव में हार को लेकर रविवार को मायावती ने एक बड़ा बैठक बुलाया। इस बैठक में पार्टी के कई बड़े पदाधिकारियों समेत पार्टी के सभी 402 विधानसभा सीटों से हारे हुए उम्मीदवारों को भी बुलाया गया था।

बता दें बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 402 विधानसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा था मगर पार्टी के किसी भी उम्मीदवार ने जीत नहीं दर्ज की। गौरतलब है कि 2007 में बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।

गुड्डू जमाली की बसपा में वापसी

गुड्डू जमाली को वापस बुलाकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा दांव लगाया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई आजमगढ़ संसदीय सीट पर उपचुनाव में बसपा गुड्डू जमाली को मैदान में उतार सकती है। बता दें है जमाली बसपा छोड़कर AIMIM से विधानसभा का चुनाव लड़े थे।

गुड्डू जमाली (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया) 

लोकसभा चुनाव की तैयारी

रविवार को बुलाई गई बहुजन समाज पार्टी की समीक्षा बैठक में मायावती ने आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति को लेकर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा किया। गौरतलब है कि 2019 लोक सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। उस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी 10 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी। मगर महज 3 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक भी सीट पर जीत ना मिल पाने के कारण मायावती पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ मंथन पर लग गई हैं।

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