कांग्रेस में जंग: इन नेताओं को पार्टी से बाहर करने की मांग, निशाने पर ये नेता

कांग्रेस में चिट्टी को लेकर मचा घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। सोनिया गांधी की ओर से की गई डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी नाकाम होती दिखाई दे रही है।

Update: 2020-08-27 15:44 GMT

नई दिल्ली: कांग्रेस में चिट्टी को लेकर मचा घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। सोनिया गांधी की ओर से की गई डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी नाकाम होती दिखाई दे रही है। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिखाने की कोशिश की कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक हो गया और नाराज नेता मान गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अभी भी पार्टी में लगी आग से धूंआ उठ रहा है।

पार्टी में जग जारी है जिसका ताजा उत्तर प्रदेश से सामना आया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का लखीमपुर खीरी में जमकर विरोध किया गया। गौरतलब है कि सोनियां गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं में जितिन प्रसाद भी शामिल हैं।

कांग्रेस की जिला इकाई ने जितिन प्रसाद को निष्कासित की मांग की है और इसके लिए प्रस्ताव पास किया है। जितिन प्रसाद इस मामले को जितिन प्रसाद प्रदेश नेतृत्व के सामने उठा सकते हैं। हालांकि जितिन प्रसाद ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इंकार किया है। इस प्रस्ताव पर जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल और लखीमपुर खीरी के अन्य पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं। इन लोगों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाली चिट्ठी लिखने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इन नेताओं को पार्टी से बाहर करने की मांग की गई है।

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नेताओं ने जितिन प्रसाद पर बोला हमला

प्रहलाद पटेल और अन्य नेताओं ने चिट्ठी जारी की है और इसमें जितिन प्रसाद पर हमला बोला गया है। इस चिट्ठी में उनके पिता जितेंद्र प्रसाद के बागी तेवर की भी याद दिलाई गई है। कहा गया है कि आपके पिता भी सोनिया गांधी के खिलाफ बगावती सुर अपनाए थे और उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे। प्रस्ताव में आगे कहा गया है अब जितिन प्रसाद भी अपने पिता के रास्ते पर चल रहे हैं। समिति ने इस कदम की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

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सबसे बड़ी बात है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं। आलोचक मानते हैं कि ये प्रस्ताव बिना उनकी जानकारी के पारित नहीं हो सकता है। तो वहीं एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता से कह रहे हैं कि उनको ऐसी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया था।

वायरल ऑडियो में वो कह रहे हैं कि धीरज गुर्जर और प्रियंका गांधी जो भी करवा दें ठीक है। धीरज गुर्जर ने प्रस्ताव भेजा... हमने कहा कि हम हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे... कुछ लाइन इसमें से हटाई जाएं, लेकिन ऊपर से तलवार लटकी थी। हम भी क्या करते... इस तरह की गंदगी कांग्रेस में रहेगी तो पार्टी कहां खड़ी हो पाएगी...।



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एक तरफ जितिन प्रसाद को पार्टी से बाहर निष्काषित करने की मांग हो रही है, तो वहीं उनके समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आ गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जितिन प्रसाद के समर्थन में लिखा है कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूपी में जितिन प्रसाद के खिलाफ आधिकारिक तौर पर हमला किया जा रहा है। कपिल सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस को अपनी ही पार्टी के नेता पर निशाना साधने के बजाय बीजेपी पर सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए।

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