UP Congress: हार पर कांग्रेस का मंथन, संगठन के ढांचे को मजबूत कर तेजी से चलेगा सदस्यता अभियान

Congress In UP: कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि पार्टी फिर से प्रदेश में व्याप्त समस्याओं और मुद्दों को लेकर अपने मजबूत संगठन ढांचे को लेकर काफी गंभीर है।

Published By :  Praveen Singh
Update:2022-04-03 19:35 IST
कांग्रेस (Social media)

Congress In UP: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अब मंथन में जुट गई है। कांग्रेस का यह सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। जबकि यूपी की कमान खुद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाल रखी थी। लेकिन कमजोर संगठन और नेताओं का पार्टी से लगातार हो रहे मोहभंग से वह अपने मिशन में कामयाब नहीं हो सकीं। जिसके बाद अब दिल्ली से लेकर लखनऊ तक हार की समीक्षा और पार्टी संगठन को मजबूत करने की कवायद शुरू हो गई है।

आज रविवार को लखनऊ स्थित यूपी कांग्रेस कार्यालय पर नेताओं की बैठक हुई। जिसमें सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ नए कलेवर और तेवर के साथ फिर से सदस्यता अभियान चलाने में जुट गई है। राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देशन पर उत्तर प्रदेश में सदस्यता अभियान की तिथि को 15 अप्रैल तक आगे बढ़ाया गया है। इसी परिपेक्ष में आज उत्तर प्रदेश मीडिया हाल में प्रदेश के जिला शहर अध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों के साथ संगठन के समस्त राष्ट्रीय सचिव एवं सहायक चुनाव अधिकारी हर्ष चौधरी ने बैठक करके आवश्यक दिशा निर्देशन दिया।

बैठक के संबंध में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि पार्टी फिर से प्रदेश में व्याप्त समस्याओं और मुद्दों को लेकर अपने मजबूत संगठन ढांचे को लेकर काफी गंभीर है। कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी, महंगाई समेत सभी जन मुद्दों को लेकर चुप बैठने वाली नहीं है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अपने कील कांटों को दुरुस्त कर पूरे उत्साह के साथ जनता के बीच जल्दी सड़कों पर उतरेगी। कांग्रेस पार्टी जन आंदोलन और जनसंघर्ष के लिए बूथ स्तर पर और न्याय पंचायत स्तर पर अपने सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए व्यापक स्तर पर सदस्य अभियान चला रही है।

बता दें इससे पहले कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने दिल्ली में यूपी के नेताओं के साथ बैठक कर हार की समीक्षा की थी। जिसमें संगठन को मजबूत करने और सदस्यता अभियान को लेकर मंत्रणा हुई थी। पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी पराजय के बाद अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा ले लिया था। इसके बाद यूपी में भी अभी तक प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी खाली है।

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