बंगाल: कांग्रेस और लेफ्ट के बीच बनी बात, यहां जानें कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि आज हमने तय किया है कि हम संबंधित 44 और 33 सीटें अपने-अपने पास रखेंगे जो कांग्रेस और वाम दलों ने साल 2016 में जीती थीं।

Update:2021-01-28 15:02 IST
सीट बंटवारे को लेकर अभी तक हुए समझौते के अनुसार कांग्रेस 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि लेफ्ट पार्टियां 101 पर चुनाव लड़ेंगी।

कोलकाता:पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग की तरफ से अभी तक तारीखों का एलान नहीं किया गया है। लेकिन सियासी जानकारों का अनुमान है बोर्ड एग्जाम से पहले ही इस बार वहां पर चुनाव सम्पन्न करा लिए जाएंगे।

टीएमसी, बीजेपी, कांग्रेस और वाम दलों ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर रखी है। ताकि चुनाव की तारीखों का एलान होते ही जीत के लिए को कोई कोर कसर बाकी न रहे।

इस बीच अब खबर ये आ रही है कि विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के लिए कांग्रेस और वाम दलों के बीच दूसरे दौर की बातचीत गुरुवार को हुई। जिसमें अब तक 193 सीटों पर बात हो चुकी है।

बंगाल: कांग्रेस-लेफ्ट के बीच बनी बात, यहां जानें कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव(फोटो: सोशल मीडिया)

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कांग्रेस 92 और लेफ्ट पार्टियां 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी

अभी तक हुए समझौते के अनुसार कांग्रेस 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि लेफ्ट पार्टियां 101 पर चुनाव लड़ेंगी। बाकी 101 सीटों पर बंटवारा अगले दौर की बातचीत में किया जाएगा।

सूत्रों से मिली जनकारी के मुआत्बिक पार्टियों ने सोमवार को फैसला किया था कि वे साल 2016 के चुनावों में क्रमश: जीती गई सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और वाम दल के नेता सीताराम येचुरी(फोटो: सोशल मीडिया)

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कही ये बात

साल 2016 में वाम-कांग्रेस गठबंधन ने 77 सीटें जीती थीं, जिसमें से 44 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। वहीं सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य का बयान सामने आया है।

जिसमें उन्होंने कहा है कि आज हमने तय किया है कि हम संबंधित 44 और 33 सीटें अपने-अपने पास रखेंगे जो कांग्रेस और वाम दलों ने साल 2016 में जीती थीं।

बाकी 217 सीटों पर बातचीत चल रही है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि महीने के अंत तक बाकी बची सीटों पर बंटवारा आपसी सहमति से कर लिया जाएगा।

 

फेल हो गया मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ये प्लान

पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि 28 जनवरी को विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन प्रस्ताव को नियम 169 के तहत पेश किया जाएगा। इस विषय पर पहले चर्चा होगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चाहती थी कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव को कांग्रेस के साथ मिलकर लाया जाए, लेकिन ममता सरकार का यह प्लान कामयाब नहीं हो पाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस इसे नियम 185 के अंतर्गत लाना चाहती थीं।

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी के मुताबिक वे इसी प्रस्ताव को नियम 185 के तहत लाना चाहते थे। एक ही मुद्दे पर दो प्रस्ताव दो अलग-अलग नियमों के तहत लाने का क्या औचित्य है? जब सरकार एक प्रस्ताव दे चुकी और आशा करती है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा।

नियम 169 के अंतर्गत, सरकार विधानसभा में एक प्रस्ताव देती है, जबकि नियम 185 के अंतर्गत कोई भी पार्टी सदन के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकती है।

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