योगी-केशव-दिनेश समेत इन्हें लेनी होगी विधानसभा की सदस्यता, 6 महीने का है समय

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य अभी यूपी के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन तीनों को छह महीने के अंदर किसी सदन का सदस्य होना होगा।

Update: 2017-03-22 08:45 GMT

लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य अभी यूपी के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन तीनों को छह महीने के अंदर किसी सदन का सदस्य होना होगा। चूंकि विधान परिषद की कोई सीट खाली नहीं हो रही इसलिए विधानसभा का उप चुनाव ही लड़ना होगा।

योगी आदित्यनाथ के मंत्रिपरिषद में दो और सदस्य ऐसे हैं जो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। बीजेपी संगठन से जुडे स्वतंत्र देव सिंह और क्रिकेटर से पॉलिटिकल लीडर बने मोहसिन रजा को भी विधानसभा में भेजना बीजेपी संगठन के लिए बड़ी चुनौती होगी।

हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए गोरखपुर ग्रामीण सीट से जीते विपिन सिंह ने अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है और ये माना जा रहा है कि सीएम इसे स्वीकार भी कर लेंगे क्योंकि वो पिछले पांच लोकसभा चुनाव से गोरखपुर से सांसद हैं।

पार्टी को दोनों डिप्टी सीएम और स्वतंत्र देव सिंह, मोहसिन रजा के लिए भी सुरक्षित सीटें खाली करानी होगी। यदि किसी ऐसी सीट से ये लोग चुनाव लड़े, जो कठिन हो और परिणाम उल्टे आए तो सरकार की किरकिरी हो सकती है।

मंत्री पद पाने के बाद छह महीने के अंदर किसी को भी दोनो में से किसी एक सदन का सदस्य होना अनिवार्य होता है। हालांकि विपिन सिंह के अलावा अभी तक और किसी विधायक ने अपनी सीट छोडने की पेशकश नहीं की है।

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