Former SBI chairman: कर्ज़ घोटाला मामले में SBI के पूर्व अध्यक्ष प्रतीप चौधरी गिरफ्तार
Former SBI chairman Pratip Chaudhary: 2017 में बेची गयी संपत्ति का बाजार मूल्य 160 करोड़ रुपये आंका गया था।
Former SBI chairman Pratip Chaudhary: राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व अध्यक्ष प्रतीप चौधरी (Former SBI chairman Pratip Chaudhary ) को उनके दिल्ली स्थित आवास से जैसलमेर के एक होटल संबंधित कथित कर्ज़ घोटाले में गिरफ्तार किया गया है।
प्रतीप चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है
मामला गोदावन समूह की संपत्तियों से जुड़ा है जिसके अंतर्गत कंपनी द्वारा 2008 में एक होटल बनाने के लिए एसबीआई से 24 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसी कर्ज़ आवंटन मामले में घोटाले के मद्देनज़र प्रतीप चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है । जमानत के लिए याचिका दायर करने के पश्चात मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा प्रतीप चौधरी ( chairman Pratip Chaudhary arrested) की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी गयी है।
200 करोड़ रुपये की संपत्ति 25 करोड़ रुपये में बेचे जाने के आरोप
- आरोप के मुताबिक प्रतीप चौधरी (chairman Pratip Chaudhary breaking news) के एसबीआई के अध्यक्ष पद पर बने रहने के दौरान गोदावन की संपत्तियों को कथित तौर पर 2016 में अनुमानित से कम दामों पर एल्केमिस्ट एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) को बेच दिया गया था।
- रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 2017 में बेची गयी संपत्ति का बाजार मूल्य 160 करोड़ रुपये आंका गया था । जिसके तहत गोदावन समूह ने कम मूल्यांकन के लिए संपत्तियां बेचे जाने के बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
- आरोपों की वस्तुनिष्ठता इस बात से भी ज़ाहिर होती है कि प्रतीप चौधरी एसबीआई के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्ति होने के बाद एल्केमिस्ट एआरसी में निदेशक के पद पर शामिल हुए थे।
- 25 करोड़ में बेची गयी संपत्तियों की वर्तमान लागत 200 करोड़ रुपये आंकी गई है। जिसे खरीदने के लिए एसबीआई से लिए गए कर्ज़ को कथित तौर पर घोटाले के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।बीते कुछ समय में घोटाले से संबंधित मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
- इस सबके मद्देनज़र सबसे बड़ी समस्या की बात यह है कि यदि किसी सर्वोच्च पद पर काबिज कोई अधिकारी ऐसे ग़ैरक़ानूनी कार्यों को अंजाम देगा तो देश की आम जनता को ज़रूरी और मूलभूत सुविधाएं कैसे मिलेंगी? सरकार को इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कुछ ज़रूरी कदम उठाने पड़ेंगे जिससे आगे से ऐसी समस्या ना होने पाए तथा सरकारी योजनाएं ज़रूरतमंदों तक आसानी से पहुंच पाएं।