नार्थ कोरिया में जंग की तैयारी, तानाशाह की गैरमौजूदगी में 'सत्ता का गृहयुद्ध'

किम जोंग उन के अचानक लापता हो जाने से जहां कई तरह की अटकले लग रही हैं, वहीं अब इस तरह की खबरे भी आ रही हैं कि तानाशाह की बहन किम यो जोंग सत्ता का अधिआर हासिल करने में जुट गयी हैं।

Update: 2020-05-01 06:12 GMT

नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच नार्थ कोरिया में दूसरा ही संकट खड़ा हो गया है। तानाशाह किम जोंग के अचानक गायब हो जाने के बाद अब देश की सत्ता डगमगा रही है। जानकारी के मुताबिक, किम जोंग उन की गद्दी के लिए कई दावेदार खड़े हो गए और अब देश में सत्ता के युद्ध की स्थिति बन गयी है। इस बाबत देश के मंत्रियों और सम्मानित लोगों की बैठक भी हुई।

सत्ता के लिए मंत्रियों और उद्योगपतियों की बैठक:

किम जोंग उन के अचानक लापता हो जाने से जहां कई तरह की अटकले लग रही हैं, वहीं अब इस तरह की खबरे भी आ रही हैं कि तानाशाह की बहन किम यो जोंग सत्ता का अधिआर हासिल करने में जुट गयी हैं। वहीँ कई और लोग नार्थ कोरिया के अगले सुप्रीम लीडर बनने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इन सब को लेकर देश में कई बड़े मंत्रियों और उद्योगपतियों के बीच बैठक भी हुई।

सत्ता की लड़ाई में गृह युद्ध की नौबत

सत्ता की प्रबल दावेदारी करने वालों में किम परिवार के दो लोगों का नाम सामने आ रहा है। जो किम जोंग उन की जगह लेने के लिए देश के प्रबुद्ध लोगों को अपने पक्ष में करने के प्रयास में जुट गए हैं। इनमे से जिसे मंत्रियों और देश के अरबपतियों का साथ मिला, वह नार्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर की कुर्सी के और करीब आ जाएगा।

ये दावेदार शुरु कर सकते हैं सत्ता के लिए जंग

किम जोंग उन की बहन

तानाशाह की छोटी बहन किम यो जोंग सत्ता की प्रबल दावेदार है। वह भाई किम जोंग के साथ साये की तरह रहती हैं। उनकी राजनैतिक सलाहकार हैं। वहीं सेना में भी अहम भूमिका रखती है।

गुप्त दफ्तरों में दखल

माना जाता है कि यो जोंग की उन 2 दफ्तरों में खासी दखल है, जहां गलत-सही कामों से परिवार और देश के लिए हार्ड कैश जमा होता है। उन दफ्तरों को Offices 38 & 39 के नाम से जाना जाता है, हालांकि इनकी कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिलती है लेकिन कहा जाता है कि साइबरथेफ्ट, तस्करी जैसे कामों से आया कैश यहां रखा जाता है।

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देखती हैं ये काम

यो जोंग Propaganda and Agitation Department की पहली वाइस डायरेक्टर हैं। माना जाता है कि किम जोंग उन की विदेशों में और उत्तर कोरिया के अंदर सार्वजनिक छवि बनाने के पीछे किम यो जोंग का ही दिमाग है।

इसी पद के तहत यो जोंग ने अपने वास्तविक नाम के साथ पहला स्टेटमेंट दिया था। इसी से साफ हुआ था कि सिर्फ परदे के पीछे नहीं, बल्कि यो जोंग अपने भाई के साथ सत्ता में सामने भी आ चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने इसी पद के साथ अमेरिका प्रेसिडेंट ट्रंप की कोरोनावायरस पर मदद की पेशकश ठुकरा दी थी।

सेना में भी अहम

पिछले साल के अंत में यो जोंग ने अपना पहला मिलिट्री ऑर्डर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वे नार्थ कोरियन आर्मी की महिला-युनिट को भी संभालती हैं, अपने ऑर्डर ने यो जोंग ने महिला सैनिकों में वर्क साइट में काम के दौरान हो रहे शारीरिक बदलावों पर ध्यान देने को कहा था।

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तानाशाह के चाचा किम प्योंग इल:

किम प्योंग इल तानाशाह के सौतेले चाचा है, जो लंबे समय तक उत्तर कोरिया में राजदूत के पद पर रहे है। प्योंग इल हाल ही में एक नौकरशाह के तौर पर 30 साल देश से बाहर बिताकर लौटे हैं। बताया जाता है कि प्योंग इल की राजनैतिक काबिलियत हमेशा ही तानाशाह के पिता के लिए खतरा रही। इसी वजह से उन्हें 30 साल देश से बाहर रहना पड़ा।

उत्तर कोरिया के राजदूत के तौर पर उन्होंने फिनलैंड, बुल्गेरिया, हंगरी और पोलैंड में सेवा दी। जानकारी के मुताबिक देश से बाहर जाने से पहले तक वह सेना प्रमुख के पद पर भी रह चुके हैं।

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प्योंग इल की दावेदारी तगड़ी:

दरअसल उत्तर कोरिया में पुरुष सत्ता की सोच है। साल 1948 में उत्तर कोरिया के गठन के बाद से देश को एक ही परिवार के 3 पुरुषों ने संभाला। शासन संभालने में महिलाओं की संख्या बेहद कम है।

हालाँकि किम की बहन शासन के कामों में काफी एक्टीव है। वह न केवल किम की सलाहकार हैं, बल्कि उत्तर कोरिया की सत्ता में अहम भूमिका में हैं। बावजूद इसके देश में पुरुष शासक की दावेदारी ज्यादा प्रबल है। ऐसे में प्योंग इल की खूबियों में उनका पुरुष होना भी शामिल है।

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