I Love You Papa: आप ही मेरा पहला प्यार, Happy father's Day...

बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाए, मां-पापा का प्यार हमेशा एक जैसा ही रहता है। जिंदगी जैसे भी हालात से गुजर रही हो, पर पापा के मन में सबसे ऊपर यही रहता है कि बच्चों और परिवार को कोई परेशानी न हो।

Update:2020-06-21 12:00 IST

लखनऊ। पापा मेरे सबसे पहले सुरक्षाकवच, जिनका बचपन में उंगली पकड़ के चलना सिखाना आज की गई सब पढ़ाई से भी ऊपर है। वो बचपन की याद जब हल्का सा भी बुखार होने पर पूरा घर सर पर उठा लेते, फिर जल्दी-जल्दी चाय-काढ़ा बनाते और कैसे भी करके बुखार भगाते। लेकिन एक जरूरी बात ये सिर्फ बचपन में ही नहीं अभी भी होता है।

बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाए, मां-पापा का प्यार हमेशा एक जैसा ही रहता है। जिंदगी जैसे भी हालात से गुजर रही हो, पर पापा के मन में सबसे ऊपर यही रहता है कि बच्चों और परिवार को कोई परेशानी न हो। बचपन की वो हर छोटी-छोटी बाते जो मुझे याद हैं कैसे पापा अपनी सब परेशानियों को भूलकर हमारी परेशानी को अपना बना लेते, फिर झटपट उसको हल भी कर देते। आप दोस्त है न मेरे, चलिए आपसे शेयर करते है बचपन की कुछ यादें…

ये भी पढ़ें... Father’s Day स्पेशल: किसी के लिए फरिश्ता तो किसी के दिल का सुकून हैं Papa

फौरन पापा ने मुझे गोद में उठाया

बचपन में स्कूल में खेलते समय एक बार मैं गिर गई थी, जिससे मेरे पैर में मोच आ गई थी। स्कूल मैनेजमेंट ने दवा लगा करे मुझे बस से घर भेज दिया था। पापा को फोन भी नहीं किया था, जबकि मैं चल भी नहीं पा रही थी।

इसके बाद ये बात जब पापा को पता चली, तो क्या फौरन पापा ने मुझे गोद में उठाया और पहुंच गए स्कूल। फिर स्कूल प्रिंसिपल की जो वॉट लगाई है, सच्ची पापा तो सुपर स्टार निकले, प्रिंसिपल को डाट लगाई, मुझे बहुत मजा आई थी।

ये भी पढ़ें...फादर्स डे स्पेशल: राजनीतिक पिता के फक्र का सबब है उनके ये बेटे

पापा के लिए अच्छा सा ग्रिटिंग कार्ड

पता है, एक बार ऐसे में छोटे में जब हम अच्छे से हिन्दी नही लिख पाते थे। तब एक दिन फॉदर्स डे आया तो मां ने कहा कि पापा के लिए अच्छा सा ग्रिटिंग कार्ड बनाओं। अब हमने कार्ड तो बना लिया ड्रॉइंग करके, लेकिन उसमें फॉदर्स डे ही गलत लिख दिया था और मां को दिखाया फिर मां ने उसको सही कराया।

जैसे मेरे स्कूल का नया सेशन शुरू होता, पापा खुद सारी कॉपी-किताबों में कवर चढ़ाते, ड्रेस प्रेस करते, बैग लगाते और मां को बोलते की सुबह कुछ अच्छा टिफिन देना बिटिया के लिए कल पहला दिन है स्कूल का।

सच में पापा जैसा कभी कोई नहीं हो सकता है। एक तिरछी नजर भी कोई उठा कर देख लेता न, तो पापा उसकी वो हालत करते की जिंदगीभर याद रहे उसको।

ये भी पढ़ें...International Yoga Day: यहां गाइडलाइन का नहीं हुआ पालन, ऐसे किया गया योग

पापा का डायलॉग

ऐसे ही एक बार में भाई-बहन छत पर खेल रहे थे, हमसे थोड़ा बड़े लड़के अपनी छत से हमे चिढ़ाभर रहे थे, पापा ने सुन लिया नीचे बैठे थे जबकि, फिर पापा का एक डायलॉग जो आज भी याद है, उस लड़के से कहते हैं- ऐ चश्मुद्दीन अपनी छत में हो तो वहीं रहे, इधर देखा न तो वहीं आकर अच्छे से सब जगह की सैर कराएगें।

पापा की हर वो छोटी-छोटी बाते पहले तो नहीं समझ में आती थी, लेकिन आज उनका मतलब जान पड़ता है कि उन बातों की क्या कीमत है। मेरे लिए बचपन में मेरी फेवरेट चॉकलेट किटकैट लेकर स्कूल के बाहर खड़े रहते और मेरा इंतजार करते।

पापा अपने बच्चों को हर दुख-दर्द से दूर रखते हैं अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं। हम बहुत लकी है जो हमे ऐसे पापा मिले। थैंक्यू सो मच पापा- माई लवली पापा….

Sub Editor - विदुषी मिश्रा

ये भी पढ़ें...अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: इको गार्डन में सेना के रिटायर्ड फौजी ने बच्चों संग किया योगा

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें

Tags:    

Similar News