जननायक की तरह संकट के समय उद्योग जगत की मदद को आगे आए महाना

कोरोना लॉकडाउन और दिल्ली बॉर्डर सील होने की वजह से नोएडा में टेलिविज़न  व मोबाइल निर्माता कंपनी सलोरा को फैक्ट्री खोले जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही थी।

Update: 2020-05-09 10:42 GMT

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: कोरोना लॉकडाउन और दिल्ली बॉर्डर सील होने की वजह से नोएडा में टेलिविज़न व मोबाइल निर्माता कंपनी सलोरा को फैक्ट्री खोले जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही थी। जबकि फैक्ट्री के सारे मानक पूरे हो चुके थे। लेकिन औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के त्वरित प्रयास के बाद 24 घंटों के भीतर इस यूनिट को खोले जाने की अनुमति दे दी गई। इसके बाद फैक्ट्री मालिकों को महाना ने ख़ुद फैक्ट्री शुरू करने का अनुमति पत्र भेजा। इस त्वरित कार्यवाई का देश के प्रमुख औद्योगिक संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व शीर्ष उद्योगपतियों ने स्वागत किया है।

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उद्यमियों को करना पड़ रहा कठिनाइयों का सामना

पीएचडी चैंबर यूपी चैप्टर के को चेयरमैन मनीष खेमका ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन और दिल्ली बॉर्डर सील होने की वजह से प्रदेश में नोएडा के उद्यमियों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। तमाम स्थानों पर हॉट स्पॉट होने की वजह से काम शुरू करने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। साथ ही प्रशासनिक स्तर पर संवाद की कमी से सामान की आवाजाही समेत अन्य व्यवहारिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है।

कई कोशिशों के बाद भी नहीं मिली इजाजत

इसकी एक बानगी कल देखने को मिली। जब नोएडा स्थित जानी मानी सैमसंग कंपनी को 3000 कर्मचारियों के साथ फैक्ट्री शुरू करने की अनुमति मिली। जबकि उससे मात्र 200 मीटर दूर स्थित पुराने टेलिविज़न व इलेक्ट्रॉनिक ब्रॉंड सलोरा को अनेक प्रयासों के बावजूद 50 कर्मचारियों के साथ भी काम करने की इजाज़त नहीं मिल पा रही थी।

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महाना ने तत्काल कार्यवाई करने को कहा

पीएचडी चैंबर यूपी चैप्टर के को- चेयरमैन मनीष खेमका ने इस समस्या से औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को अवगत कराया। महाना ने तत्काल ही स्थानीय प्रशासन को इस पर कार्यवाई करने को कहा। लेकिन महाना को बताया गया कि सलोरा फ़ैक्टरी कंटेनमेंट ज़ोन में है अत: उसे खोला जाना संभव नहीं होगा।

पीड़ितों को मिला न्याय

प्रशासन के जवाब को तर्कसंगत न पाकर महाना ने मौक़े पर सैमसंग से सलोरा फैक्ट्री के बीच पैमाइश के आदेश दिए। स्वाभाविक रूप से दूरी कम पाए जाने पर प्रशासन को यह अनुमति देनी पड़ी। इस अनुमति की सूचना मंत्री महाना ने उद्यमी को स्वयं दी। अपनी शिकायत के कुछ ही घंटों में त्वरित अनुमति से नोएडा के उद्यमियों ने योगी सरकार की प्रभावी कार्यशाली की प्रशंसा की है। पीएचडी के मनीष खेमका ने कहा महाना ने मंत्री के प्रोटोकॉल से ऊपर उठ कर उद्योग जगत की मदद की। उनकी यह कारवाई किसी जननायक की तरह थी जिसमें उन्होंने पीड़ित को कुछ ही देर में न्याय दिलवा दिया।

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देश की सूरत बदलते देर नहीं लगेगी

पीएचडी चैंबर के पूर्व नेशनल प्रेसिडेंट रहे सलोरा इंटरनेशनल के चेयरमैन गोपाल जीवराजका ने फ़ैसले पर प्रसन्नता जताते हुए कहा सरकार ऐसे काम करे तो देश की सूरत बदलते देर नहीं लगेगी। ऐसे क़दमों से निश्चित ही कारोबार और रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी।ॉ

पीएचडी चैंबर के नेशनल प्रेसिडेंट डा. डी के अग्रवाल, यूपी चेयरमैन मनोज गौड, रैडिको खेतान के ललित खेतान, यूनिवर्सल केबल के संजय अग्रवाल, मुलतानी फ़ार्मास्यूटिकल्स के प्रदीप मुलतानी, के एम शुगर मिल के एल के झुनझुनवाला समेत अनेक प्रमुख उद्योगपतियों व संगठन पदाधिकारियों ने इस कार्यवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी सहित औद्योगिक विकास मंत्री महाना का भी आभार व्यक्त किया है।

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