Bulandshahr: इतिहास से है लगाव, तो करें बुलंदशहर में इन जगहों का भ्रमण

Bulandshahr visit Places : यूपी का बुलंदशहर कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों तथा इमारतों का एक केंद्र है। अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं तो यहां आकर आप इन जगहों का अच्छा अनुभव ले सकते हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-03 08:26 IST

Kuchesar (Image Credit : Social Media)

Best Place in Bulandshahr : पश्चिमी यूपी में स्थित बुलंदशहर (Bulandshahr Latest News) का इतिहास काफी समृद्ध है। देश में काफी कम ऐसी जगहें हैं जिनका पौराणिक महत्व है, उनमें बुलंदशहर का भी नाम आता है। इस शहर का इतिहास 1200 साल पुराना बताया जाता है। तब इसे बरन के नाम से जाना जाता था। यहां अहिबरन नामक शासक ने बरन नाम का किला बनवाया था। जिसके बाद उसने अपनी राजधानी इसी शहर को बना लिया और नाम दिया बरनशहर। कालांतर में इस शहर का नाम बुलंदशहर हो गया।

खैर ये तो इतिहास की बात हो गई, इस शहर के पास कई ऐतिहासिक महत्व के पर्यटन स्थल हैं। जिसके बारे में लोगों के पास अधिक जानकारी नहीं है। ये पर्यटन स्थल काफी खूबसूरत भी हैं। तो आइए ऐतिहासिक बुलंदशहर के आसपास स्थित ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं-

अनुपशहर (Anupshahr)

17वीं सदी में एक राजा हुआ करते थे अनुपराय, जिन्होंने अनुपशहर की स्थापना की थी। अनुपराय बुलंदशहर की नींव रखने वाले राजा अहिबरन के ही वंश से आते थे। बुलंदशहर से 42 किमी की दूरी पर स्थित इस शहर का भी अपना ऐतिहासिक महत्व है। गंगा नदी के किनारे बसे इस शहर में कार्तिक मेले के दौरान तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस शहर के बारे में एक प्रचलित दंत कथा ये भी है कि एकबार यहां शिकार खेलने आया मुगल बादशाह जहांगीर पर शेर ने हमला कर दिया था, तब उन्हें अनुपराय ने ही बचाया था। राय से प्रसन्न होकर बादशाह जहांगीर ने उन्हें ये जगह भेंट स्वरूप दे दी। बाद में अनुपराय यहां एक किले का निर्माण कर इसका नाम अनुपशहर कर दिया।

कर्णवास

बुलंदशहर के पास एक प्राचीन स्थल कर्णवास मौजूद है। इसका नामकरण महाभारत के वीर पात्र दानवीर कर्ण से लिया गया है। पौराणिक किवदंतियों के अनुसार, दानवीर कर्ण हर दिन यहां 50 किलो सोना दान में दिया करते थे। बुलंदशहर से कर्णवास आप ऑटो रिक्शा के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा यहां एक प्राचीन कल्यादी देवी की मंदिर भी स्थित है।

सिकंदराबाद (Secunderabad)

बुलंदशहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिकंदराबाद भी एक प्राचीन नगर है, जिसे कभी सिकंदर लोधी ने 1498 में बसाया था। यहां कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं जिनमें से आप चिश्ती साहब की स्मारक देख सकते हैं। एनएच से बुलंदशहर दिल्ली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, केवल कुछ घंटों तक का सफर तय कर आप यहां पहुंत सकते हैं।

अहर (Ahar)

बुलंदशहर से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अहर एक छोटा सा प्रचीन नगर है। गंगा नदी के किनारे बसे इसे नगर की खूबसूरती के काफी चर्चे हैं। यहां का मुख्य आकर्षण भगवान शिव और देवी अवंतिका का मंदिर है। नवरात्रि और शिवरात्रि के दिन देश के अन्य हिस्सों से लोग भी यहां पहुंचते हैं। इस छोटे से नगर का इतिहास भी महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। भारतीय पौराणित इतिहास में रूची रखने वाले लोगों को इस शहर का भ्रमण अवश्य करना चाहिए। आप यहां तक बस या निजी वाहन से पहुंच सकते हैं।

खुर्जा (Khurja)

खुर्जा का नाम सुनते ही सिरेमिक के सुंदर – सुंदर उत्पाद जेहन में आने लगते हैं। बुलंदशहर से मात्र 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस शहर का नाम देश ही दुनिया में है। यह शहर अपने सुंदर सिरेमिक उत्पादों के लिए जाना जाता है, जिसकी मांग विदेशों में भी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां 500 से अधिक मिट्टी के बर्तन और साज – सज्जा बनाने वाले कारखाने हैं। दिल्ली से खुर्जा की दूरी मात्र 85 किलोमीटर है। आप बुलंदशहर से बस या टैक्सी के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं।

बुलंदशहर की चटपटी टिक्की (Bulandshahr spicy tikki)

बुलंदशहर की चटपटी टिक्की काफी प्रसिद्ध है। इस डिश को लोग खासा पसंद करते हैं। इसे आलू, ड्राइफ्रूट्स, चने की दाल, मसाले आदि के साथ तैयार किया जाता है। इसके अलावा स्टाल पर बास्केट चाट, राज कचोड़ी, भेल पुरी, गोल गप्पेस राम लड्डु, सेवपुरी, भल्ला पापड़ी, दही भल्ला इत्यादि के कई विकल्प मौजूद हैं।

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