Maa Vindhyavasini Dham: मां विंध्यवासिनी के इस धाम में दूर हो जाती है भूत प्रेत और जादू टोने की समस्या, ऐसी है मान्यता
Maa Vindhyavasini Dham History: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में माता विंध्यवासिनी विंध्याचल पर्वत श्रेणी पर विराजित है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है और बड़ी संख्या में भक्ति यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
Maa Vindhyavasini Dham History: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में माता विंध्यवासिनी विंध्याचल पर्वत श्रेणी पर विराजित है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है और बड़ी संख्या में भक्ति यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मिर्ज़ापुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मिर्ज़ापुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। इस जगह पर भगवान राम ने पश्चिम दिशा की ओर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की थी। इसी कारण यह जगह रामेश्वर नाम से प्रसिद्ध हुई और इस जगह को शिवपुर के नाम से जाना जाता है।
मिर्जापुर क्यों प्रसिद्ध है (Why is Mirzapur Famous?)
यह अपने कालीन और पीतल के बर्तन उद्योगों के लिए जाना जाता है। यह शहर कई पहाड़ियों से घिरा हुआ है और मिर्ज़ापुर जिले का मुख्यालय है और विंध्याचल, अष्टभुजा और काली खोह के पवित्र मंदिर और देवरहवा बाबा आश्रम के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटन की दृष्टि से मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश का काफी महत्वपूर्ण जिला माना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक वातावरण बरबस लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। मिर्ज़ापुर में स्थित विंध्याचल धाम भारत के प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थलों में से एक है। इसके अतिरिक्त सीताकुण्ड, लाल भैरव मंदिर, मोती तालाब, टांडा जलप्रपात, विल्डमफ़ाल झरना, तारकेश्वर महादेव, महा त्रिकोण, शिवपुर, चुनार किला, गुरूद्वारा गुरू दा बाघ और रामेश्वर, देवरहा बाबा आश्रम, अड़गड़ानंद आश्रम व अन्य छोटे बड़े जल प्रपातों आदि के लिए प्रसिद्ध है।
प्रसिद्ध है विद्यावसिनी धाम (Vidyavasini Dham is Famous)
विंध्यवासिनी, महामाया या योगमाया माँ दुर्गा के एक परोपकारी स्वरूप का नाम है। उनकी पहचान आदि पराशक्ति के रूप में की जाती है। उनका मंदिर उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे मिर्ज़ापुर से 8 किमी दूर विंध्याचल में स्थित है। एक तीर्थस्थल उत्तर प्रदेश में स्थित है, जिसे बंदला माता मंदिर भी कहा जाता है।
ऐसी है मान्यता
विंध्यवासिनी धाम के बारे में कहां जाता है कि यहां पर विद्यमान माता के दर्शन करने से भूत प्रेत, जींद, टोना, टोटका जैसी सारी बाधाएं दूर हो जाती है। लोग यहां पर नारियल जायफल कपूर माला फूल लेकर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं और दर्शन करने मात्र से भक्तों का कल्याण हो जाता है।
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