नई दिल्ली: अक्सर अपने बच्चे को बढ़ता देख पेरेंट्स खुश होते हैं। पर वहीं अर्श के पेरेंट्स को अपने बेटे के बड़े होने की जरा भी ख़ुशी नहीं है। कारण अर्श का अचानक से बढ़ना है। डेलीमेल पर लगी एक खबर के अनुसार अर्श की मां का कहना है कि पहले तो उन्हें लगा कि उनका बेटा बड़ा हो रहा है पर बाद में कुछ और ही निकला। अर्श की मां ने उसकी नानी के कहने पर डॉक्टर को दिखाया। तो उनके होश उड़ गए पता चला कि अर्श को एक अजीब सी बीमारी है जिसकी वजह से वो तेजी से बढ़ रहा है।
लगानी पड़ी अर्श के ट्रीटमेंट में सारी सेविंग
अर्श के घरवालों का कहना है कि चार महीने के उम्र में वो किसी एक साल के बच्चे जैसा दिखता था और जब वो एक साल का हुआ तो तीन साल के बच्चे जैसा दिखता था। परेशानी ये थी कि अर्श के पिता वसीम मिडिल क्लास फैमिली से थे और उनके पास अर्श के ट्रीटमेंट के लिए पैसे नहीं थे। सरकारी हॉस्पिटल्स ने उनका केस लेने से रिजेक्ट कर दिया तो उन्हें प्राईवेट मैक्स हॉस्पिटल में अपने बच्चे को इलाज के लिए एडमिट करवना पड़ा। अपनी सारी सेविंग लगानी पड़ी।
क्या कहना है डॉक्टर्स का
अर्श का ट्रीटमेंट करने वाली डॉक्टर वैशाखी रस्तोगी कहती हैं कि ये बीमारी एक लाख में एक या दो बच्चों को होती है। उनके अनुसार इसके लाज का तरीका एक ही है कि हम उसे हॉरमोन्स को तब तक कंट्रोल करें जब तक कि सही में प्यूबर्टी के स्टेज पर नहीं पहुंच जाता। पहले अर्श को टेस्टीरोन का लेवल कम रखने के लिए हर महीने इंजेक्शन लगाया जाता था लेकिन अब तीन से चार महीने में उसे इंजेक्शन लगता है। जब उसे चिकित्सा के लिए लाया गया था तब उनके शरीर में टेस्टीरोन किसी 25 साल के मर्द जितनी थी। अभी वो ठीक हो रहा है।
पापा वसीम को है टेंशन
बेटे का इतनी बड़ी बीमारी का इलाज करवाने वाले अर्श के पापा वसीम काफी टेंशन में हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वो अपने बेटे का खर्च बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं उठा पाएंगे। अर्श के एक इंजेक्शन की कीमत 11000 रुपए है जो कि उनके एक महीने की कमाई से भी ज्यादा है।