लखनऊ : एक साधारण परिवार में जन्मे अटल तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। बहुमुखी प्रतिभा के धनी अटल जी ने छात्र जीवन से ही अपना लोहा मनवाया। अध्यापक और कवि पिता के पुत्र अटल बिहारी वाजपेयी को कविता विरासत में मिली थी। राजधानी लखनऊ को अपनी राजनैतिक कर्मभूमि बनाने वाले अटल ने अपना पहला काव्य पाठ भी यहीं किया था।
लखनऊ के कालीचरण इंटर कॉलेज में वह पहली बार कविता के मंच पर आए और अपने प्रतिभा को सार्वजनिक किया था। यह कॉलेज अटल जी की यादों को संजोये हुए है।
कालीचरण डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. देवेंद्र ने बताया, "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सन् 1950 के दशक में इसी कॉलेज परिसर में अपना पहला कविता पाठ किया था। उस समय वह आरएसएस से जुड़े हुए थे। इतना ही नहीं, अटल बिहारी वाजपेयी इस कॉलेज परिसर में रुके भी थे। आज हर व्यक्ति अटल जी के जाने से दुखी है।"
ज्ञात हो कि अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 1991 से 2004 तक लगातार लखनऊ से सांसद चुने गए। उनका राजधानी लखनऊ से गहरा नाता रहा है। लखनऊ के कायाकल्प में भी अटल का खासा योगदान रहा।