100 साल पार कर चुकीं कुंवर बाई बनीं स्वच्छता अभियान की मैस्कॉट, मोदी ने छुए थे पांव

घर में टॉयलेट बनाने के लिए अपनी 10 में से 8 बकरियां बेचने वाली 105 साल की कुंवर बाई को स्वच्छ भारत अभियान का मैस्कॉट (शुभंकर) बनाया गया है। पीएम मोदी 17 सितंबर को स्वच्छता दिवस के मौके पर दिल्ली में कुंवर बाई को सम्मानित करेंगे। गौरतलब है कि 21 फरवरी को राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) में एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कुंवर बाई को सम्मानित कर उनके पैर भी छूए थे। कुंवर बाई ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए एक मिसाल पेश की है, इसलिए उन्‍हें उस उम्र में देश की एक सबसे बड़ी योजना का चेहरा चुना गया है।

Update: 2016-09-14 09:59 GMT

नई दिल्ली: घर में टॉयलेट बनाने के लिए अपनी 10 में से 8 बकरियां बेचने वाली 105 साल की कुंवर बाई को स्वच्छ भारत अभियान का मैस्कॉट (शुभंकर) बनाया गया है। पीएम मोदी 17 सितंबर को स्वच्छता दिवस के मौके पर दिल्ली में कुंवर बाई को सम्मानित करेंगे। गौरतलब है कि 21 फरवरी को राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) में एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कुंवर बाई को सम्मानित कर उनके पैर भी छूए थे। कुंवर बाई ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए एक मिसाल पेश की है, इसलिए उन्‍हें उस उम्र में देश की एक सबसे बड़ी योजना का चेहरा चुना गया है।

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कौन हैं कुंवर बाई ?

-कुंवर बाई छत्तीसगढ़ के थामटरी जिले के कोटाभरी गांव में रहती हैं।

-कुंवर बाई ने अपनी 10 में से 8 बकरियों को 22 हजार रुपए में बेचकर गांव का पहला टॉयलेट बनवाया था।

-कुंवर बाई की 105 साल की उम्र में भी यह कोशिश है कि गांव के हर घर में टॉयलेट हो।

-कुंवर बाई लगातार लोगों को स्वच्छता और टॉयलेट बनाने के लिए जागरुक कर रही हैं।

-अपनी बकरियां बेचकर गांव में टॉयलेट बनाने वाली कुंवर बाई को कलेक्टर ने ओपन डिफिकेशन फ्री का भी ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था ।

बता दें कि पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छ भारत मिशन अभियान शुरू किया था। इस अभियान का स्लोगन एक कदम स्वच्छता की ओर है।

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