इस बार UP का ये रावण हैं कुछ खास, 180 डिग्री पर दाएं-बाएं घूमती है इसकी गर्दन
दशहरा मेले की रौनक को चार-चांद लगाने के लिए पूरे शहर में तैयारियां जोरों पर हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच एक परिवार ऐसा भी है जो पिछले 25 सालों से बिना पैसे लिए रावण के पुतले बनाने का काम करता है। इस बार भी यह परिवार दशहरे के मौके पर रावण के पुतले को कुछ ख़ास तरह से डिजाईन करने में जुटा है।
मेरठ: दशहरा मेले की रौनक को चार-चांद लगाने के लिए पूरे शहर में तैयारियां जोरों पर हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच एक परिवार ऐसा भी है जो पिछले 25 सालों से बिना पैसे लिए रावण के पुतले बनाने का काम करता है। इस बार भी यह परिवार दशहरे के मौके पर रावण के पुतले को कुछ खास तरह से डिजाईन करने में जुटा है।
क्या है इस बार के रावण के पुतले की खासियत
-कसेरूखेड़ा में सवित मीणा का परिवार पिछले एक महीने से इस दशहरे के लिए रावण का पुतला बना रहा है।
-यह रावण का पुतला 70 फीट ऊंचा है।
-इस रावण के पुतले की गर्दन पतली है जिसके कारण यह 180 डिग्री पर दाएं-बाएं घूमेगा।
-इस बार दशहरा मेले में दर्शकों को रावण की तलवार हवा में लहराती हुई दिखाई देगी।
रात भर करते हैं रावण बनाने की तैयारी
-सवित मीणा का परिवार पिछ्ले करीब 25 सालों से अपने हाथों से रावण के पुतले बनाने का काम करता है।
-सवित मीणा ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य अपने हाथों से 12 गट्ठा वासे बनाते है।
-इसको उठाने के लिए क्रेन की जरूरत होती है।
-मेले में एक दिन पहले पुतला खड़ा किया जाता है।
-श्री रामलीला दशहरा कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि यह परिवार रावण बनाने के लिए कोई पैसा नहीं लेता है।
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10 फीट ऊंचा होगा मंच
-मेला स्थल को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा।
-इसके अलावा मेला स्थल पर 10 फीट ऊंचा मंच बनाया जाएगा।
-इस मंच पर क्षेत्र के ही कलाकारों के द्वारा सुंदर झांकियों की प्रस्तुति की जाएगी।
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ये होगा आकर्षण का केंद्र
मेले में मंच पर तीन घंटे श्री राधे-श्याम और रामायण का मुख्य अंश पार्वती, राधा-कृष्ण नृत्य का कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होगा। इसके साथ ही दर्शकों को आतिशबाजी का नजारा भी देखने को मिलेगा। सोने की लंका बनाने और मां सीता की वाटिका भी आकर्षण का केंद्र होगी।