13 की मौत, 700 लोग बेड पर, कई छोड़ चुके हैं गांव, रोते हुए बोले -सरकार हमें बचा लो

डेंगू का बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है और अगर इसके इलाज में थोड़ी सी लापरवाही बरती जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। मच्छर के काटने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू फैलाने वाले एडीस मच्छर को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है। गर्म से गर्म माहौल में भी यह जिंदा रह सकता है। इसके अंडे आंखों से दिखते भी नहीं हैं, जिसके कारण इसे मार पाना आसान नहीं है। पानी के संपर्क में आते ही अंडा लार्वा में बदल जाता है और फिर अडल्ट मच्छर बन जाता है।

Update: 2020-10-22 06:14 GMT
इस गांव में डेंगू के केस ज्यादा मिल रहे हैं। सूचना देने के बाद मलेरिया विभाग की टीम आती है, जांच करती है लेकिन किसी की भी रिपोर्ट बताती नहीं है।

लखनऊ: यूपी के जनपद एटा के कसेटी गांव में डेंगू से 13 लोगों की मौत हो गई है। जबकि सैकड़ों लोग बीमार हैं। उन्हें इलाज के लिए आगरा, अलीगढ़, इटावा जैसे महानगरों के बड़े हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

लोगों की मौत की वजह से गांव के अंदर दिन के वक्त ही मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। हालात इतने भयावह हो गये हैं कि लोग अपने घरों में ताला डालकर भाग रहे हैं।

गांव के अंदर डेंगू को लेकर लोगों के मन में काफी दहशत है। इस वजह से करीब एक दर्जन परिवार गांव को छोड़कर जा चुके हैं। गांव के अंदर गलियों में अजीब सा सन्नाटा है।

कोई भी ऐसा घर नहीं है जिसमें डेंगू का मरीज न हो। डेंगू ने इस कदर तांडव मचाया है कि कोई अपने प्रियजन की मौत के गम में डूबा हुआ है तो कोई डेंगू की बीमारी से ठीक होने के लिए ईश्वर के आगे हाथ जोड़कर विनती कर रहा है।

एटा के कसेटी गांव में डेंगू के डर से सूनी पड़ी गलियां(फोटो: सोशल मीडिया)

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स्वास्थ्य विभाग के काम-काज से गांववाले नाराज- बोले सरकार, अब तो हमारी जान बचा लो

गांव वाले डेंगू के बढ़ते केस को लेकर बेहद गुस्से में हैं। उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ठीक तरह से ध्यान नहीं दे रहा है। सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि इस भयावहता में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कोई कैंप नहीं लगाया, सिर्फ दवा के नाम पर कुछ गोलियां बांटकर अपनी पीठ थपथपा ली।

उन्होंने अब स्वास्थ्य विभाग की इस बेरुखी से आहत जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि सरकार, अब तो हमारी जान बचा लो।

इस बारें में यहां के ग्राम प्रधान शेरसिंह ने बताया कि गांव के अंदर छह-सात सौ लोग डेंगू की चपेट में हैं और अभी तक 13 लोगों की जान जा चुकी है।

इस गांव में डेंगू के केस ज्यादा मिल रहे हैं। सूचना देने के बाद मलेरिया विभाग की टीम आती है, जांच करती है लेकिन किसी की भी रिपोर्ट बताती नहीं है और वह लोग शाम तक कुछ ड्रॉप लगाकर और गोली बांटकर चले जाते हैं।

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डेंगू मच्छर की फोटो(सोशल मीडिया)

स्वास्थ्य विभाग ने सफाई में कही ये बात

वहीं इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू की बीमारी के फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार इस गांव का निरीक्षण कर है और हमने गांव के लोगों के जांचें भी कराई हैं।

लोगों को दवाएं भी स्वास्थ्य विभाग मुफ्त में बांट रहा है। डेंगू के डर से गांव के लोग प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ भाग रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम अपना काम कर रही है।

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