UP News: परिवहन निगम तोड़ा रिकॉर्ड, बसों से 24 लाख 44 हजार 970 महिलाओं ने की मुफ्त यात्रा
UP News: बहनों को फ्री यात्रा का लाभ देने से परिवहन निगम को इस वर्ष 18.98 करोड़ रूपये का वित्तीय व्यय आया है। प्रदेश सरकार की इस पहल का महिलाओं ने जमकर तारीफ की और प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया।
UP News: प्रदेश में रक्षाबन्धन के पर्व पर कुल 24 लाख 44 हजार 970 महिलाओं ने प्रदेश सरकार की फ्री यात्रा का लाभ उठाया। जबकि पिछले साल 22 लाख 32 हजार 322 महिलाओं ने फ्री यात्रा का लाभ उठाया था। बहनों को फ्री यात्रा का लाभ देने से परिवहन निगम को इस वर्ष 18.98 करोड़ रूपये का वित्तीय व्यय आया है। प्रदेश सरकार की इस पहल का महिलाओं ने जमकर तारीफ की और प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया।
परिवहन मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप रक्षाबन्धन के पावन पर्व पर प्रदेश की बहनों को दो दिन की सुरक्षित एवं फ्री यात्रा करायी गयी। प्रदेश की इस फ्री यात्रा का लाभ उठाते हुए गरीब बहनें भी अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांध सकी। उनको अपने भाइयों के पास पहुंचने के लिए विगत वर्षों की भॉति इस वर्ष भी किराये की चिंता नहीं करनी पड़ी। प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षित यात्रा के दृष्टिगत ही प्रतिवर्ष इस योजना का लाभ महिलाओं को दिया जा रहा है। बहनें इस योजना का लाभ उठाकर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की डोर व रक्षाबंधन को अपने भाइयों की कलाई में बांधकर मुरादों को पूरा करती हैं।
48 घंटे के लिए फ्री सेवा
बता दें कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद परिवहन निगम रक्षाबन्धन पर्व के सुअवसर पर परिवहन निगम की सभी बसों में महिलाओं को दिनांक 29 अगस्त की रात 12 बजे से 31 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान किए जाने का निर्णय लिया था। इस सुविधा का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को मिले इसके लिए प्रचार-प्रसार के लिए भी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था। वहीं नगरीय परिवहन निदेशालय ने भी निर्देश दिया था कि प्रदेश के प्रमुख शहरों (लखनऊ, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, अलीगढ़, मुरादाबाद, झाँसी, बरेली, गोरखपुर, शाहजहाँपुर, आगरा एवं मथुरा-वृन्दावन) में एसपीवी के माध्यम से संचालित की जा रही नगरीय बसों में रक्षाबन्धन पर्व पर 29 की रात्रि 12 बजे से 31 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक महिलाओं के लिए निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए निर्देश दिया था।
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