बीमारी पर भी भ्रष्टाचार: बाराबंकी से लखनऊ तक निकलेगी पदयात्रा, होगी जांच की मांग
कोरोना महामारी के इलाज के नाम पर कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में समाजसेवक व पत्रकार आगामी 14 अगस्त को बाराबंकी के गांधी भवन से लखनऊ की जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक ‘भ्रष्टाचार निराकरण पदयात्रा’ निकालेंगे और राज्यपाल को 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे।
लखनऊ: कोरोना महामारी के इलाज के नाम पर कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में समाजसेवक व पत्रकार आगामी 14 अगस्त को बाराबंकी के गांधी भवन से लखनऊ की जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक ‘भ्रष्टाचार निराकरण पदयात्रा’ निकालेंगे और राज्यपाल को 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे।
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इलाज के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या बन गई है
हिन्दी पत्रकार एसोसिएशन उप्र. के बाराबंकी जिलाध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता पाटेश्वरी प्रसाद ने रविवार को बताया कि कोरोना संकट के समय देश व समाज में इलाज के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या बन गई है। जो समाज के लोगों को मौत के करीब ले जा रही है। आपदा में अवसर तलाशने वाले ऐसे नौकरशाह भष्ट तंत्र का हिस्सा बन रहे है। ऐसे में कोविड-19 से संबंधित प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर ‘भ्रष्टाचार निराकरण पदयात्रा’ निकाली जा रही है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के तहत योगी सरकार विफल हो रही है
प्रसाद ने बताया कि कोरोना से संबंधित आइसोलेशन सेन्टर एवं निजी हॉस्पिटलों में बने एल-वन, एल-2, एल-3 समकक्ष हॉस्पिटल में व्याप्त भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य सम्बंधी अनिमितताओं की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद भी शासन व प्रशासन कोई कार्यवाही नही करता है। जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों को प्रभावित करने वाले नौकरशाहों पर कार्यवाही न होने भष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के तहत योगी सरकार विफल हो रही है। कोरोना का सहारा लेकर कुछ प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी भष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल को एक 10 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा जाएगा
प्रसाद ने बताया कि यह पदयात्रा सोमवार को सुबह 7 बजे बाराबंकी के गांधी भवन से प्रारम्भ होकर लखनऊ के हजरतगंज स्थित महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर समाप्त होगी। जिसके बाद राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल को एक 10 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा जाएगा।
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पदयात्रा के सहयात्री रंजय शर्मा ने कहा कि कोरोना संकट के समय जनप्रतिनिधियों की भूमिका संदेहास्पद रही है। जिस जनता के वह प्रतिनिधि है, उनका पुरसाहाल लेने वाला कोई नही है। ऐसे में नौकरशाहों से ज्यादा दोषी जनप्रतिनिधि है जिनको भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बाद भी मौन है।
मनीष श्रीवास्तव
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