संविदा नियुक्ति ने दिखाया भाजपा का युवा विरोधी चेहरा- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एवं पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार के उस फैसले का कडा विरोध किया है जिसमें सरकारी नौकरियों में संविदा पर भर्ती करने का प्रस्‍ताव है।

Update: 2020-09-13 14:17 GMT
संविदा नियुक्ति ने दिखाया भाजपा का युवा विरोधी चेहरा- अखिलेश यादव

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एवं पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार के उस फैसले का कडा विरोध किया है जिसमें सरकारी नौकरियों में संविदा पर भर्ती करने का प्रस्‍ताव है। उन्‍होंने कहा कि इस प्रस्‍ताव ने भाजपा के युवा विरोधी चेहरे को दिखा दिया है। दरअसल यह सरकार युवाओं को रोजगार देना ही नहीं चाहती उल्‍टे उन्‍हें अपना बंधुआ मजदूर बनाकर काम लेना चाहती है।

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...नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं

अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा है कि भाजपा केवल अपने राजनीतिक विस्तार और सत्ता पर एकाधिकार को ही विकास मानती है। यही वजह है कि प्रदेश में विकास कार्य ठप पडे हैं। युवाओं के बारे में सरकार का रवैया शुरू से ही संवेदनाशून्य रहा है। भाजपा की गलत नीतियों की वजह से उत्तर प्रदेश पिछड़ता ही जा रहा है। कानून व्यवस्था और कारोबार दोनों चौपट हैं। परेशान हाल नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। अब सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्‍हें संविदाकर्मी बनाने का फैसला किया है।

...कर्मियों का कोई अधिकार और भविष्य नहीं होगा

संविदाकर्मी भी ऐसा जो पांच साल तक सरकार और उसके अधिकारियों के आगे हाथ जोडे खडा रहने को मजबूर हो। अभी तक भर्ती के लिए चयनित कर्मी को एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति मिलती है और उसे नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ प्राप्त होते रहे हैं। राज्य सरकार के नए नियम लागू होने पर चयनित कर्मी को नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले लाभ नहीं मिलेंगे। उस पर सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 भी लागू नहीं होगी। यानी इन संविदा कर्मियों का कोई अधिकार और भविष्य नहीं होगा। सरकार जब चाहे उन्हें बाहर निकाल सकेगी। संविदा कर्मी को काम करने के दौरान पूरा वेतन भी नहीं मिलने वाला है।

संविदा काल का कर्मचारी पूरी तरह बंधुआ मजदूर...

उन्‍होंने कहा कि यह सरकार चाहती है कि आगे से सुरक्षित नौकरी किसी को नहीं मिले। कर्मचारी को संविदा काल में पदनाम के पहले सहायक पदनाम से नियुक्ति मिलेगी। उसकी दक्षता परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंक आने पर सेवा समाप्त हो जाएगी। इस तरह तो संविदा काल का कर्मचारी पूरी तरह बंधुआ मजदूर बनकर रहेगा। भाजपा सरकार प्रदेश के नौजवानों का भविष्य अंधेरे गर्त में ढकेलने का काम कर रही है। उसकी मंशा युवाशक्ति के पूर्ण शोषण और उसे कुंठित कर अपना गुलाम बनाने की है। युवा विरोधी कदम उठाकर भाजपा ने अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है।

इसका सदन से सड़क तक विरोध करेंगे । अजीब बात है कि डबल इंजन सरकार होते हुए भी उत्तर प्रदेश में मेट्रो की गाड़ी टस से मस नहीं हुई। समाजवादी सरकार ने इसकी शुरूआत लखनऊ से की थी। आज भी यह यहीं तक सीमित है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के क्षेत्रों की जनता आज तक मेट्रो के दर्शन नहीं कर सकी। समाजवादी सरकार ने महिलाओं से सम्बन्धित अपराध नियंत्रण के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन सेवा शुरू की थी।

इसे खत्म करने की साजिशें हो रही है। समाजवादी सरकार ने महिला सशक्तीकरण के लिए जनकल्याण की 181 महिला हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी भाजपा सरकार इसको भी समाप्त कर रही है। इससे जुड़ी कर्मचारियों को साल भर से वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है।

अखिलेश तिवारी

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