नोएडा के बिल्डरों की गिरफ्तारी पर रोक,धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज है एफआईआर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा, गौतमबुद्ध नगर के बिल्डर्स की धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और याचीगण को विवेचना में सहयोग देने का आदेश देते हुए विवेचना यथाशीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया है।

Update: 2019-05-29 16:51 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा, गौतमबुद्ध नगर के बिल्डर्स की धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और याचीगण को विवेचना में सहयोग देने का आदेश देते हुए विवेचना यथाशीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने काम्पलेक्स के मालिक जयदेव, मंजीत सिंह व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता दिलीप कुमार पाण्डेय ने बहस की।

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याचीगण के खिलाफ कासना थाने में धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। इन पर आबादी की भूमि पर पांच सौ दुकानें, शोरूम व काम्पलेक्स बनाकर बेचने का आरोप है। अवैध निर्माण व धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए नोएडा अथारिटी ने कार्यवाही की है। याचीगण का कहना था कि 6 साल बाद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। झूठे आरोपों पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है। कोर्ट ने प्राथमिकी रद्द करने से इंकार कर दिया है किन्तु गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

 

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