BJP और SBSP में गठबंधन की चर्चाएं तेज, गाजीपुर उपचुनाव में ओमप्रकाश राजभर के बेटे पर दांव लगा सकती है भाजपा

BJP and SBSP Alliance: 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस गठबंधन को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजभर ने भी हाल में कहा था कि राजनीति में सबकुछ संभव है और हमारे दरवाजे सबके लिए खुले हुए हैं।

Update:2023-07-05 13:55 IST
BJP and SBSP Alliance (Image: Social Media)

BJP and SBSP Alliance: भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के बीच गठबंधन की चर्चाओं के कारण उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल इन दिनों गरमाया हुआ है। जानकारों के मुताबिक इस मामले को लेकर भाजपा के शीर्ष स्थान पर गहराई से मंथन किया जा रहा है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस गठबंधन को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दोनों दलों में गठबंधन की चर्चाओं के बीच सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर को लेकर भी चर्चाएं गरमाई हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक गाजीपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा की ओर से अरुण राजभर पर दांव लगाया जा सकता है। गठबंधन से पूर्व सुभापा की ओर से कुछ शर्तें रखी गई हैं जिन पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व विचार कर रहा है। ओमप्रकाश राजभर ने भी हाल में कहा था कि राजनीति में सबकुछ संभव है और हमारे दरवाजे सबके लिए खुले हुए हैं।

भाजपा नेतृत्व कर रहा गहराई से मंथन

2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने उत्तरप्रदेश पर फोकस कर रखा है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं और सियासी हलकों में यह कहा जाता रहा है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। यही कारण है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश को लेकर गहराई से मंथन में जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश में सियासी समीकरण दुरुस्त करने के लिए सुभासपा से गठबंधन की कवायद की जा रही है।

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और राज्य के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से इस मुद्दे पर चर्चा की थी। सूत्रों के मुताबिक बृजेश पाठक सुभासपा से गठबंधन की वकालत में जुटे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और राज्य के दूसरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी सुभासपा के गठबंधन के पक्ष में हैं और इन नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इसके लिए तैयार कर लिया है।
पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ की सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर के साथ मुलाकात भी हुई थी। इस मुलाकात के बाद भी गठबंधन को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया था।

अमित शाह से हो चुकी है राजभर की मुलाकात

सूत्रों का कहना है कि सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पिछले महीने दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे और इस दौरान उनकी गृह मंत्री अमित शाह से दो बार मुलाकात हुई थी। जानकारों के मुताबिक राजभर ने इस बाबत अपना मन बना लिया है और भाजपा हाईकमान की ओर से हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह के लखनऊ दौरे के समय प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस बाबत शाह से चर्चा भी की थी।

सूत्रों के मुताबिक पूर्वांचल की कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है और इसके साथ ही सिंबल को लेकर भी बात नहीं सुलझ पाई है। 2019 के चुनाव के दौरान भी सिंबल को लेकर पेच फंसा था और ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को छड़ी चुनाव निशान पर लड़ाने की जिद की थी। बाद में वे एनडीए से अलग हो गए थे।

राजभर के बेटे पर दांव लगाने की तैयारी

भाजपा में शीर्ष स्तर पर चल रहे मंथन के मुताबिक ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर को गाजीपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में मैदान में उतारा जा सकता है। 2019 में इस सीट पर बसपा के टिकट पर अफजाल अंसारी को जीत हासिल हुई थी मगर गैंगस्टर मामले में सजा मिलने के बाद अफजाल की सांसदी रद्द की जा चुकी है। अभी इस सीट पर चुनाव की अधिसूचना नहीं जारी हुई है मगर चुनाव होने पर भाजपा की ओर से राजभर के बेटे पर दांव लगाया जा सकता है।

राजभर ने खुले रखे हैं सारे विकल्प

सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने हाल में बयान दिया था कि राजनीति में सबकुछ संभव है। उनका कहना है कि मेरे दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं। हाल के दिनों में राजभर ने सपा पर तीखे हमले किए हैं मगर भाजपा और बसपा के प्रति वे हमलावर नहीं दिखे हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने अपने विकल्प खुले रखे हैं।

सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल पर अभी हाल में ही राजभर ने तीखा हमला किया था। राजभर का कहना है कि मुझे पता है कि मेरी सारी शर्तें नहीं मानी जा सकती हैं मगर दोनों पक्ष एक-दूसरे की कुछ बातें मान कर हाथ मिला सकते हैं। भाजपा से गठबंधन की स्थिति में ओमप्रकाश राजभर को योगी कैबिनेट में भी शामिल किए जाने की संभावना है। राजभर योगी कैबिनेट में पहले भी मंत्री रह चुके हैं।

पूर्वांचल में मिलेगा गठबंधन से फायदा

आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा पूर्वांचल की कमजोर सीटों पर जीत हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल के कुछ जिलों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। सुभासपा से गठबंधन की स्थिति में भाजपा को पूर्वांचल की लोकसभा सीटों पर बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यही कारण है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सुभासपा से गठबंधन को लेकर काफी गंभीर दिख रहा है।

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