लखनऊ: ताबड़तोड़ फैसलों के बीच सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हंगामेदार बैठक खत्म हो गई। चाचा से नाराज सीएम अखिलेश की नाराजगी दूर हो गई, तो बर्खास्त बलराम यादव का मंत्री पद भी बहाल हो गया।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने खबर दी कि सपा के संसदीय बोर्ड का जल्द ही पुनर्गठन होगा। तो सूत्रों ने भी संकेत दे दिया कि संसदीय बोर्ड में पार्टी मुखिया मुलायम के नये साथ आए, दो पुराने साथी अमर सिंह और बेनी वर्मा को जगह मिल सकती है।
अहम हैं फैसले
-कौमी एकता दल पर फैसले के बाद कई दिनों से फैला असमंजस भी खत्म हो गया और अखिलेश की नाराजगी भी।
-सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हुए फैसलों को चुनावी रणनीति के लिहाज से काफी आहम माना जा रहा है।
-अमर और बेनी के संसदीय बोर्ड में शामिल होने से नए चुनावी समीकरण बन सकते हैं।
-लेकिन संसदीय बोर्ड में अमर सिंह की मौजूदगी, वहां पहले से मौजूद आजम खान से टकराव बढ़ा सकती है।
-दोनों को एक साथ साधना पार्टी मुखिया के लिए बेहद अहम होगा।
मुलायम करेंगे फैसला
-संसदीय बोर्ड के गठन के लिए पार्टी ने मुलायम सिंह को अधिकृत किया है। इससे आजम की नाराजगी दबाई जा सकती है।
-राज्यसभा चुनाव के दौरान दोनों की तल्खी अपने चरम पर थी, लेकिन आजम ने अमर सिंह को वोट दिया था।
-हालांकि, बाद में आजम ने कहा था, कि उन्होंने अंतरात्मा की आवाज को घोंट कर अमर को वोट दिया है।