Atiq Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ के हमलावरों पर जान का खतरा ! नैनी जेल से प्रतापगढ़ शिफ्ट किए गए तीनों शूटर

Atiq Ashraf Murder Case : माफिया अतीक अहमद उसके भाई अशरफ के हत्यारों को जान का खतरा बताया जा रहा है। यूपी पुलिस को इनपुट मिला है कि प्रयागराज के नैनी जेल में अरुण, लवलेश और सन्नी पर हमला हो सकता है। हालात के मद्देनजर तीनों को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है।

Update:2023-04-18 23:18 IST
लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य (Social Media)

Atiq Ashraf Murder Case: यूपी के माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की 3 शूटरों ने पुलिस की मौजूदगी में गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपियों को प्रयागराज पुलिस ने मौके पर ही दबोच लिया था। जिसके बाद उन्हें नैनी जेल (Naini Jail) में रखा गया है। मगर, अब तीनों आरोपियों को जान का खतरा होने की वजह से नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट किया गया है

सुरक्षा के मद्देनजर तीनों शूटरों को सोमवार (17 अप्रैल) को नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट किया गया। इससे पहले, अतीक और अशरफ के हमलावर सनी, अरुण और लवलेश को रविवार को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। जहां से उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया था।

किसके इशारे पर हुई हत्या?

दरअसल, अतीक-अशरफ मर्डर केस (Atiq Ashraf Murder Case) के बाद से ही कई तरह के सवाल उठ रहे थे। तीनों आरोपियों ने भले ही मौके पर सरेंडर कर दिया हो, लेकिन चर्चा ये है कि तीनों शूटरों ने किसी के इशारे पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। हालांकि, अभी तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है, जिससे ये पता चल सके कि इन तीनों की अतीक-अशरफ से कोई निजी दुश्मनी थी।

'अतीक के रिश्ते पाकिस्तान से थे'

तीनों आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में ये बताया है कि, 'बाहुबली माफिया अतीक अहमद का संबंध पाकिस्तान से था। उसने और उसके गैंग में शामिल सदस्यों ने कई निर्दोष लोगों का कत्ल किया था। अतीक जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था। विरोध में गवाही देने वालों को भी उसने कभी नहीं छोड़ता था। उसका भाई अशरफ भी ऐसा ही किया करता था। इसीलिए हमने दोनों भाइयों को मार डाला।' प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में दोनों भाईयों की हत्या के आरोपियों ने पुलिस के सामने यही बयान दिया है।

पहले भी जेल जा चुके हैं तीनों

अतीक और अशरफ को मारने वाले तीनों शूटर अलग-अलग मामलों में पहले भी जेल जा चुके हैं। पुलिस ने ये बताया कि, आरोपित कब और कैसे प्रयागराज आए थे। उनका स्थानीय मददगार कौन-कौन है। बताया गया है कि लवलेश तिवारी बांदा जिले का, सनी हमीरपुर और अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है।

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