Lucknow Zoo 100 Year: 100 साल का चिड़ियाघर, 29 को सीएम योगी करेंगे शताब्दी स्तंभ और डाक टिकट का विमोचन

Lucknow Zoo 100 Year: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लखनऊ जूलॉजिकल गार्डन को 29 नवंबर को 100 साल पूरे हो जायेंगे। इस उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शताब्दी स्तंभ का उद्घाटन करेंगे।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-11-22 12:35 GMT

लखनऊ: सबसे पुराना चिड़ियाघर 'लखनऊ जूलॉजिकल गार्डन' हुआ 100 साल का

Lucknow Zoo 100 Year: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का सबसे पुराना चिड़ियाघर 100 साल (oldest zoo 100 years old) की दहलीज पर पहुंच गया है। लखनऊ जू अपना शताब्दी समारोह मना रहा है। 22 से 29 नवंबर तक अलग-अलग कार्यक्रण प्राणि उद्यान में आयोजित किए जा रहे हैं। शताब्दी समारोह (centenary celebrations) की तैयारियों में जू प्रशासन जुटा हुआ है।

29 नवंबर को चिड़ियाघर (Zoo on 29th November) के 100 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) शताब्दी स्तंभ का उद्घाटन (Centenary Pillar Inauguration) करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री डाक टिकट और शताब्दी पत्रिका का भी विमोचन (Release postage stamp and centenary magazine) करेंगे। लखनऊ जू के निदेशक आर.के. सिंह (Lucknow Zoo director R.K. Singh) ने बताया कि मुख्यमंत्री को कार्यक्रम के लिए पत्र भेज दिया गया है। जल्द ही सीएम ऑफिस (CMO) से मंजूरी होने के बाद पूरा कार्यक्रम जारी किया जाएगा।

29 नवंबर 1921 को हुई थी स्थापना

लखनऊ प्राणि उद्यान (Lucknow Zoological Park) की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत में की गई थी। 29 नवंबर 1921 को प्रिसं वाल्स के स्वागत में तत्कालीन गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर (Governor Sir Harcourt Butler) ने इसकी स्थापना कराई थी। हालांकि लखनऊ जू की नींव 18वीं शताब्दी में पड़ी थी। तब इसे आम के बाग के रूप में जाना जाता था। 18वीं शताब्दी में अवध के तत्कालीन नवाब नसीरुद्दीन हैदर (Nawab Naseeruddin Haider) ने आम के बाग के रूप में इसकी नींव रखी थी।


अवध के नवाब और जमींदारों ने समाज के संचालन और रखरखाव के लिए उस वक्त 7.3 लाख रुपये का योगदान दिया। उस समय इसे बनारसी बाग के नाम से जाना जाता था। वर्ष 2001 में जूलॉजिकल पार्क को प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन ट्रस्ट (Prince of Wales Zoological Garden Trust) से बदलकर लखनऊ जूलॉजिकल गार्डन (Lucknow Zoological Garden) कर दिया गया था। इसके बाद वर्ष 2015 में जूलॉजिकल पार्क को लखनऊ जूलॉजिकल गार्डन से बदलकर नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन (Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden), लखनऊ कर दिया गया था।

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एक बेड़े से हुई थी शुरुआत

लखनऊ के चिड़ियाघर की स्थापना 1921 में होने के बाद 1925 में राजा बलरामपुर ने पहले बाड़े का निर्माण बब्बर शेर का कराया था। इसके बाद 1935 में रानी राम कुमार भार्गव ने तोता लेन का निर्माण कराया और फिर भालू, टाइगर बाड़ों के साथ अब यहां वर्तमान में, जानवर आधुनिक लाइनों पर बने 152 बाड़ों में रहने वाले वन्यजीव अपनी जिंदगी जीने के साथ आने वाले दर्शकों का मानोरंजन करते हैं। यह 29 हेक्टेयर में फैला है।

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