अयोध्या: ढांचा ध्वंस मामले आज सीबीआई पेश करेगी लिखित बहस
अयोध्या के ढांचा ध्वंस मामले में विशेष अदालत के समक्ष सीबीआई आज लिखित बहस दाखिल करेगी। इस मामलें में सीबीआई को सोमवार को ही लिखित बहस दाखिल करनी थी
लखनऊ: अयोध्या के ढांचा ध्वंस मामले में विशेष अदालत के समक्ष सीबीआई आज लिखित बहस दाखिल करेगी। इस मामलें में सीबीआई को सोमवार को ही लिखित बहस दाखिल करनी थी लेकिन बहस तैयार न होने का हवाला देते हुए सीबीआई ने एक सप्ताह का समय मांगा था। जिस पर अदालत ने 24 घंटे का समय और देते हुए 19 अगस्त तक लिखित बहस दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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अदालत के समक्ष CBI की तरफ से इन्होने लिखित अर्जी देकर कहा
अदालत के समक्ष सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललित कुमार सिंह और आर के यादव ने न्यायालय के समक्ष एक अर्जी देकर कहा कि लिखित बहस तैयार की जा रही है इसके पूरी होने में एक सप्ताह का समय लगेगा, लिहाजा उन्हें बहस तैयार करने के लिए समय दिया जाए। अदालत ने 19 अगस्त की तिथि नियत करते हुए सीबीआई को लिखित बहस प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने 28 जुलाई को ही अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने के समय अपनी लिखित बहस तैयार करने के निर्देश दिए थे।
1992 में यूपी के सीएम कल्याण सिंह थे
आपको बता दे कि वर्ष 1992 में जब अयोध्या के विवादित ढांचा गिराया गया तब कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में 19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोपों में मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।
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इस मामले में आरोपित रहे अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, वैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महत्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास एवं विनोद कुमार बंसल की मृत्यु हो चुकी है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर विशेष अदालत में प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है। आगामी 31 अगस्त को निर्णय सुनाया जाना है। न्यायालय पत्रावली के अनुसार इस मामले में 06 दिसंबर 1992 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीआई ने विवेचना के बाद 48 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था।
मनीष श्रीवास्तव
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