अयोध्या में काशी के विद्वान कराएंगे भूमि पूजन, ट्रस्ट ने इसलिए सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन की जिम्मेदारी काशी के विद्वानों और संतो को सौंपी गई है।

Update:2020-07-20 09:37 IST

अंशुमान तिवारी

लखनऊ: अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन की जिम्मेदारी काशी के विद्वानों और संतो को सौंपी गई है। पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति मिल चुकी है। भूमि पूजन कराने के लिए काशी विद्वत परिषद के तीन विद्वानों और ब्राह्मणों का दल अयोध्या जाएगा। अभिजीत मुहूर्त और शोभन योग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के बहुप्रतीक्षित मंदिर का शिलान्यास होगा।

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भूमि पूजन के बाद पीएम रखेंगे आधारशिला

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को सुबह ग्यारह बजे से दोपहर करीब तीन बजे तक अयोध्या में रहेंगे। पीएम मोदी गर्भगृह में 40 किलो की चांदी के शिला के साथ मंदिर की नींव रखेंगे। साढ़े तीन फीट गहरी नींव में चांदी की पांच ईंटें रखी जाएंगी जो 5 नक्षत्रों की प्रतीक होंगी। भूमि पूजन से जुड़े कार्यक्रम सुबह आठ बजे शुरू हो जाएंगे। काशी के विद्वान भूमि पूजन कराएंगे और इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी मंदिर की आधारशिला रखेंगे।

विद्वानों के साथ ब्राह्मणों का दल जाएगा अयोध्या

सूत्रों के मुताबिक भूमि पूजन की जिम्मेदारी काशी विद्वत परिषद के तीन सदस्यों के साथ ही ब्राह्मणों के दल को सौंपी गई है। काशी विद्युत परिषद के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर रामयत्न शुक्ल सोमवार को भूमि पूजन कराने वाले तीन नामों की घोषणा करेंगे। काशी के विद्वान पंडित देश में विभिन्न धार्मिक स्थलों पर महत्वपूर्ण पूजा कराते रहे हैं। काशी के विद्वानों और ब्राह्मणों को धार्मिक अनुष्ठान में सबसे ज्यादा जानकार माना जाता है। यही कारण है कि अयोध्या के भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए भी काशी के विद्वानों को ही आमंत्रित किया गया है।

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काशी के दो संतों को भी आमंत्रण

भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए काशी के दो संतों को भी आमंत्रित किया गया है। इनमें अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती और सतुआ बाबा आश्रम के महामंडलेश्वर संतोष दास शामिल हैं। आमंत्रण मिलने के बाद महामंडलेश्वर संतोष दास ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के क्षणों का साक्षी बनना मेरे लिए बहुत बड़े गौरव की बात होगी। उन्होंने कहा कि यह मंदिर हमारे धैर्य, आस्था और सौहार्द का प्रतीक होगा।

ऐतिहासिक और आनंद देने वाला क्षण

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यह ऐतिहासिक और आनंद देने वाला क्षण है। उन्होंने कहा कि संत समाज ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के सनातन हिंदू समाज के लिए यह गौरवशाली क्षण होगा। उन्होंने कहा कि भगवत कृपा रही तो साढ़े तीन वर्षों में दुनिया का दिव्यतम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

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आपदा विनाशक होगा भूमि पूजन

ज्योतिष के विद्वान और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व न्यास अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने कहा कि भगवान श्री राम के मंदिर का भूमि पूजन आपदा विनाशक और सर्व संपत्ति प्रदायक होगा। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष तिथि को शतभिषा नक्षत्र में शोभन योग व अभिजीत मुहूर्त का शुभ काल है। अभिजीत मुहूर्त में ही भगवान श्रीराम का जन्म भी हुआ था।

प्रशस्त होगा राष्ट्र की उन्नति का मार्ग

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशि वृश्चिक है और चंद्रमा की महादशा चल रही है। वृहस्पति की प्रत्यंतर दशा है। बृहस्पति की प्रत्यंतर दशा में प्रधानमंत्री के हाथों जो आध्यात्मिक कार्य संपन्न होने वाला है, उससे राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सौभाग्य काल में भगवान श्री राम के मंदिर का शिलान्यास उत्तम उत्तम है। प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास और भूमि पूजन से देश के लिए सुख, संपत्ति और सनातन अभ्युदय का संयोग बन रहा है।

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कई अन्य प्रमुख नेता भी लेंगे हिस्सा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का कहना है कि पीएम मोदी के अलावा कार्यक्रम में देश के अन्य प्रमुख नेताओं को भी आमंत्रण भेजा जा रहा है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हिस्सा ले सकते हैं। इसके साथ ही कई प्रदेशों के राज्यपालों और शीर्ष संत धर्माचार्य, मंत्रियों, संघ और विहिप के पदाधिकारियों को भी कार्यक्रम का न्योता भेजा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि कार्यक्रम में देशभर से 300 विशिष्ट लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

पांच अगस्त की तारीख इसलिए भी खास

भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को 3 और 5 अगस्त की दो तारीखें भेजी गई थीं और प्रधानमंत्री की ओर से 5 अगस्त का दिन चुना गया है। 5 अगस्त का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल 5 अगस्त को ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया था। भाजपा की स्थापना के समय से ही राम मंदिर निर्माण, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और समान नागरिक संहिता, ये तीन प्रमुख मुद्दे रहे हैं। दो प्रमुख मुद्दों का हल निकल चुका है जबकि समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में शीर्ष स्तर पर गंभीर मंथन चल रहा है।

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