शंकराचार्य स्वरूपानंद ने राम मंदिर के मुहूर्त पर खड़े किए सवाल, बताया अशुभ घड़ी

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए निर्धारित मुहूर्त के वक्त पर सवाल खड़े किये हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंद का कहना है कि मुहूर्त का समय सही नहीं है।

Update: 2020-07-23 03:12 GMT

लखनऊ: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए निर्धारित मुहूर्त के वक्त पर सवाल खड़े किये हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंद का कहना है कि मुहूर्त का समय सही नहीं है। पूजा का समय अशुभ घड़ी में रखा गया है। शंकराचार्य ने मांग की है कि मंदिर निर्माण के लिए जनता की राय ली जाए।

स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हम तो राम भक्त हैं, राम मंदिर कोई भी बनाए हमें प्रसन्नता होगी, लेकिन उसके लिए उचित तिथि और शुभ मुहूर्त होना चाहिए।

उन्होंने ये भी मांग की है कि भगवान राम का मंदिर कंबोडिया के अंकोरवाट की तरह विशाल और भव्य बने। स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने ये भी कहा है कि जब रामलला का भव्य मंदिर जनता के पैसे से ही बनना है तो जनता की राय भी ली जानी चाहिए कि मंदिर का मॉडल कैसा हो।

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अयोध्या के संतों ने दी शास्त्रार्थ की चुनौती

उधर अयोध्या के संत इस मुद्दे पर सीधे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को शास्त्रार्थ की चुनौती दे रहे हैं। उनका कहना है कि हनुमान चालीसा से लेकर ऋग्वेद तक अगर स्वरूपानंद सरस्वती को सबका ज्ञान है तो यहां आकर सिद्ध करें कि 5 अगस्त को भूमि पूजन करना गलत है।

गौरतलब है कि पूर्व में ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए की तारीख निर्धारित की जा चुकी है।पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों 5 अगस्त को मंदिर की नींव रखी जानी है।

ऐसे में मुहूर्त के वक्त पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का सवाल खड़ा करना पूरे आयोजन को मुसीबत में डाल सकता है।

सवाल उठ रहे हैं कि क्या राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट से जुड़े लोग शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की बातों से सहमत होंगे।

क्या पूजा का समय बदला जाएगा? या इसके पीछे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की कोई नाराजगी तो नहीं है? क्या इस पूरे मसले पर शंकराचार्य स्वरूपानंद से राय मशवरा नहीं किया गया था? ऐसे कई सवाल अभी से उठना शुरू हो गये हैं।

 

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहा मंदिर का निर्माण

बताते चलें कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा ये सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय करने के बाद मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तारीख रामलला ट्रस्ट ने फाइनल कर दी है।

अयोध्या में 5 अगस्त को भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। कार्यक्रम की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। बड़ी तादाद में संतों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

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