अयोध्या की रामलीला: 14 भाषाओं में देखेंगें विश्व भर के लोग, तेजी से शुरू तैयारियां
अगले महीने अयोध्या में होने जा रही रामलीला को विश्व भर के रामभक्त डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से 14 भाषाओं में देखेंगे। रामलीला का मंचन फिल्मी कलाकारों की तरफ से किया जाना है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: अगले महीने अयोध्या में होने जा रही रामलीला को विश्व भर के रामभक्त डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से 14 भाषाओं में देखेंगे। रामलीला का मंचन फिल्मी कलाकारों की तरफ से किया जाना है। यह अनूठी रामलीला 17 अक्टूबर से शुरू होकर एक 25 अक्टूबर तक चलेगी। पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित लक्ष्मण किला मंदिर में आयोजित होने वाली रामलीला की तैयारियां तेज हो गयी है। इसको दुनिया की हर भाषा में दिखाई जाने की तैयारी है। भारत में इसे 14 भाषाओं हिन्दी, इंग्लिश, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मराठी, पंजाबी, उर्दू, राजस्थानी, हरियाणवी, बंगला, मैथली , ओड़िया में ऑनलाइन दिखाया जाएगा।
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यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद हर साल यहां रामलीला का आयोजन किया जा रहा है
गौरतलब है कि यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद हर साल यहां रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते रामलीलाा का आयोजन अलग तरह से किया जा रहा है। इस बार इस बार रामलीला को बड़े स्तर पर फिल्मी कलाकारों के माध्यम से आयोजित कर उसे डिजिटल माध्यम से प्रसारित करने की है। इस अनूठी रामलीला को बॉलीवुड के कलाकारो की तरफ से पूरे विश्व में प्रसारित किया जाएगा।
इस रामलीला के आयोजन में सांसद अभिनेता रवि किशन विशेष भूमिका निभा रहे है। टीवी अभिनेता सोनू डागर भगवान राम का किरदार निभाएंगे। वहीं कविता जोशी सीता के रूप में नजर आएंगी। जबकि फिल्म अभिनेता असरानी नारद मुनि की भूमिका निभाएगें। इसी तरह भरत की भूमिका में रवि किशन तथा अंगद की भूमिका सांसद अभिनेता मनोज तिवारी नजर आएगें। फिल्मों में हनुमान की भूमिका निभाने वाले स्व. दारा सिंह के पुत्र बिद्दू हनुमान, रजा मुराद अहिरावण और शाहबाज खान को रावण की भूमिकाए दी जाएगी। रामलीला के मुख्य संरक्षक दिल्ली में भाजपा के सांसद प्रवेश सिंह वर्मा हैं। यह रामलीला सिर्फ सैटेलाइट चैनलों, यूट्यूब चैनलों और अन्य सोशल मीडिया चैनल्स पर ही दिखाई जाएगी।
अयोध्या में पिछले कई सालों से रामलीला का मंचन बंद हो गया था
अयोध्या में पिछले कई सालों से रामलीला का मंचन बंद हो गया था लेकिन योगी सरकार आने के बाद से अयोध्या में दीपोत्सव के अलावा रामलीला का आयोजन भी आकर्षक तरीके से किया जा रहा है। पिछले तीन सालों में यहां रामलीला के लिए लाओस, कंबोडिया, श्रीलंका, ट्रिनिडाड, इंडोनेशिया से भी कलाकार व लोग आ चुके हैं।
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हर साल दीपावली के पहले यहां कुछ न कुछ नया करने की परम्परा पडने से प्रदेश के अलावा अयोध्या के लोग भी काफी खुश नजर आ रहे है। स्थानीय नागरिक बदलती अयोध्या को लेकर बेहद खुश नज़र आ रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि इस तरह के आयोजन से अयोध्या को पर्यटन का लाभ मिलेगा और यहां अधिक पर्यटकों के आने से रोटी रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
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