आयुर्वेदिक डॉक्टरों को तदर्थ सेवा नियुक्ति से पेंशन आदि देने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा व मथुरा के आयुर्वेद डाक्टरों को नियुक्ति तिथि से सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है और तदर्थ सेवा काल को न शामिल करने के राज्य सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है।

Update: 2019-03-27 14:46 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा व मथुरा के आयुर्वेदिक डॉक्टरों को नियुक्ति तिथि से सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है और तदर्थ सेवा काल को न शामिल करने के राज्य सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने आगरा के सेवानिवृत्त डा. विनोद कुमार उपाध्याय व मथुरा के तीन डाक्टरों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है।

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याचिका पर अधिवक्ता राघवेंद्र प्रसाद मिश्र ने बहस की। याचियों को जरूरत के मुताबिक संविदा पर रखा गया और 1992 में इन्हें तदर्थ नियुक्ति दी गयी तथा 16 मार्च 5 को नियमित कर दिया गया। तदर्थ सेवा अवधि को पेंशन के 10 साल की सेवा में जोड़ने से इंकार कर दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया।

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कोर्ट ने सरकार को नियुक्ति तिथि से सेवा मानकर पेंशन आदि के भुगतान का आदेश दिया था जिसके आधार पर कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है।

 

 

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