CM योगी के सूर्य नमस्कार वाले बयान पर आजम बोले- हमने कही होती, तो हाथों में हथकड़ी पड़ गई होती

Update:2017-03-31 01:44 IST
विधानसभा में विस्फोटक मिलने पर आजम खान बोले- मैंने नहीं रखा था

रामपुर: यूपी सहित 5 राज्यों में खत्म हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नजर राष्ट्रपति चुनाव पर है। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है। हालांकि, इस रेस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम है। लेकिन बीते दिनों शिवसेना ने ये कह चर्चा को और गरम कर दिया कि इनमें मोहन भागवत कान सबसे आगे है और उनके नाम पर शिवसेना सहमत हो सकती है।

ऐसे कुछ मुद्दों पर अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे आज़म खान ने अपनी बात रखी। आजम ने बूचड़खानों की बंदी सहित कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। हर बार की तरह एक बार फिर वो बेबाकी से सवालों का जवाब देते नजर आए।

सवाल- राष्ट्रपति पद के लिए मोहन भागवत का नाम चल रहा है, इस पर आप क्या कहेंगे?

आजम खान- राष्ट्रपति वो होगा जिसकी संख्या ज्यादा होगी। कोई भी हो सकते हैं। इन सारी चीजों का लोकतंत्र के नाम पर फासिस्ट फायदा उठाएंगे और जब लाभ की चरम सीमा पर पहुंच जाएंगे, तो वे फिर लोकतंत्र को समाप्त कर देंगे, ऐसा ही सुना है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें अन्य सवालों पर क्या कहा आजम खान ने ...

सवाल- सुना है, शेर को मांस नहीं मिल रहा। इससे जानवर मर रहे हैं?

आजम खान- अगर मुसलमान सब्जी खाकर जिएं तो इसमें उनका मजहब नहीं जा रहा। इंसान अगर सब्जी खाता है, तो यह एक आदत पर है। अगर शेर को जीना होगा तो गोश्त छोड़कर घास भी खाएगा। मुस्कुराते हुए कहा, कि 'शेर भी घास खाएगा।' जानवरों के मरने के सवाल पर आजम बोले, कि जिस व्यवस्था में इंसानों को जीने का हक न हो उसमें अगर जानवर मर रहे हैं तो कौन सी ताज्जुब की बात है। बहरहाल, इंसान से तो कमतर दर्जा ही होता है जानवरो का।

सवाल- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आप का क्या कहना है?

आजम खान- मीडिया में जो खबर आ रही है वह मेरठ से ताल्लुक रखती है। लेकिन वो मेरठ से नहीं वे बुलंदशहर का हमारा बयान था जिसे नहीं समझ गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी है।

सवाल- सीएम योगी के दिए बयान, कि सूर्य नमस्कार और नमाज में समानता है। इस पर आपकी क्या राय है?

आजम खान- इसमें हम क्या कह सकते हैं या फिर हम कहां आते हैं? अगर ऐसी बात हमने कही होती, तो हमारे हाथों में हथकड़ी भी पड़ गई होती। अब अगर योगी जी कह रहे हैं, तो वो जो कहते हैं ठीक ही कहते हैं। जो करते हैं, जो हो रहा है और जो आगे होगा, वो सब ठीक ही होगा।

सवाल- राज्य में टॉलरेंस के मुद्दे पर आप क्या कहेंगे?

आजम खान- प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद टाॅलरेंस खत्म हो गया है। हालांकि, ये पहले से ही कम था। सरकार और प्रशासन अपना टाॅलरेंस, संतुलन खो दे तो उसकी सारी कीमत गरीब कमजोर जनता को भुगतनी पड़ती है। बीते 15 दिनों के भीतर राज्य में तीन-चार गुना अपराध बढ़ा है। चोरियां, हत्याएं, डकैतियां खासकर बलात्कार बढ़ गए हैं। इसकी वजह पुलिस कमाई में एक्टिव हो गई है। बूचड़खानों, गोश्त के नाम पर शादी की दावतों में जाकर जिस तरह पुलिस अभद्रता कर रही है, ये चिंता की बात है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में राजनैतिक नतीजे वर्तमान सरकार के पक्ष में नहीं रहेंगे। उन्हें सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा।

सवाल- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वन्दे मातरम कहना जरूरी नहीं है। इस पर आपकी टिप्पणी?

आजम खान- इसमें हम क्या कह सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट के कहा था, कि चुनाव में धर्म और मजहब के नाम पर वोट न मांगा जाए। लेकिन वो सब कुछ हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईवीएम मशीन जिससे रशीद निकलती हो वही इस्तेमाल की जाए, ऐसा नहीं हुआ। अब ये तो सुप्रीम कोर्ट को सोचना है कि उसे अपना मान-सम्मान कैसे रखना है?

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