BJP पूर्व जिलाध्यक्ष हत्याकांड: अब सामने आई ये असली वजह, मचा हड़कंप
11 अगस्त की सुबह गोलियों से भूनकर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोकर की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की गूंज लखनउ तक भी पहुंची। मामला हाई प्रोफाइल था।
बागपत: जिले में 11 अगस्त को हुए भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर हत्याकांड में तत्कालीन एसपी अजय कुमार बेगुनाहों को जेल भेज गए। लखनउ तक मामले की गूंज और नेताओं के दबाव में वो इतनी जल्दबाजी में थे कि उन्होंने मामले की जांच करना भी जरूरी नहीं समझा और जल्दबाजी में गलत खुलासा कर गए। एक के बाद एक हुए तीन बड़े कत्ल और अपराधों को रोकने में नाकाम होने पर उनका तबादला कर दिया गया। अब नए एसपी अभिषेक सिंह ने संजय खोखर हत्याकांड में नया खुलासा कर दिया। इस हत्याकांड की पूरी थ्यौरी ही बदल गई। क्योंकि संजय खोखर की हत्या छपरौली नगर पालिका चेयरमैन की कुर्सी में बाधा बनने के चलते की गई थी। अब इस हत्याकांड में दो खुलासे होने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहें हैं।
हाई प्रोफाइल केस के चलते पुलिस दिखाई ऐसी फुर्ती
11 अगस्त की सुबह गोलियों से भूनकर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोकर की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की गूंज लखनउ तक भी पहुंची। मामला हाई प्रोफाइल था। इसलिए पुलिस ने भी पूरे घोड़े दौड़ा दिए। खुद पर गाज न गिर जाए इसलिए संजय खोखकर हत्याकांड के जल्द खुलासे को पुलिस ने उस तहरीर को ही आधार मान लिया जो संजय खोखर के परिजनों ने दी थी। अंधेरे में तीर चलाते हुए पुलिस ने गांव के ही मयंक डालर और अंकुश को गिरफ्तार कर लिया और तत्तकालीन एसपी अजय कुमार सिंह ने खुलासा किया कि नितिन धनकड़ और विपिन के साथ मिलकर उन्होंने संजय खोखर की हत्या कर डाली।
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खुलासा भी हो गया। लेकिन पहले एसओ छपरौली दिनेश चिकारा को डीजीपी उत्तरप्रदेश ने निलंबित कर दिया। फिर एएसपी अनित कुमार और उसके बाद एसपी अजय कुमार सिंह पर तबादले की गाज गिर गई। एसपी अभिषेक सिंह को बागपत का नया कप्तान बनाया गया। नए कप्तान ने एसओजी और एसओ छपरौली संजीव कुमार इस हत्याकांड की तह तक जाने को कह दिया। बस फिर क्या था तत्कालीन एसपी अजय सिंह ने जो खुलासा किया वो पूरी तरीके से झूठ की कहानी पर टिका था। पुलिस को एक क्लू मिला और फिर पूरा केस खुल गया।
नए खुलासे में छिपी है सच्चाई
पता चला कि छपरौली नगर पालिका की पूर्व चेयरमैन सुशीला खोखर के देवर संजीव खोखर, भतीजे श्रवण खोखर ने सागर बालियान, सागर गोस्वामी और साहिल सलमानी के साथ मिलकर संजय खोखकर की 11 अगस्त को गोलियों से भूनकर हत्या कर डाली थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी बागपत अभिषेक सिंह ने बताया कि चार साल पहले संजीव खोखर का झगड़ा संजय खोखर के रिश्तेदार से हुआ था। तब संजय खोखर भाजपा जिलाध्यक्ष थे और उन्होंने इस मामले में मजबूत पैरवी की थी। जिससे संजीव खोखर खार खाने लगा था। संजय खोखर की वजह से संजीव खोखर का परिवार चेयरमैन की कुर्सी से दूर होता चला गया।
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और अपमान का बदला लेने और चेयरमैन की कुर्सी में रोडा बनने की वजह से ये हत्या हुआ। पुलिस ने संजीव खोखकर और भतीजे श्रवण खोखर को गिरफ्तार कर लिया है और तमंचा व कारतूस भी बरामद किए हैं। जबकि सागर बालियान, सागर गोस्वामी और साहिल सलमानी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। इस पूरे प्रकरण में एसआईटी का भी गठन कर दिया गया है। यानि साफ है कि पुराना खुलासा झूठा था और नया खुलासा हकीकत की बुनियाद पर टिका है। लेकिन सवाल यही है कि जल्दबाजी में असली गुनहगाहर कानून की पकड़ से दूर रह गए थे और बेकसूर सलाखों के पीछे पहुंच गए। अब देखना ये होगा कि एसआईटी के गठन के बाद क्या और नई तस्वीर निकलकर सामने आएगी।
रिपोर्ट- पारस जैन