Baghpat News: पुलिस पिटाई से युवक की मौत! थर्ड डिग्री देने का आरोप, परिजनों ने रोड जाम कर किया प्रदर्शन
Baghpat News: स्वजनों का आरोप है कि पुलिस चौकी पर तैनात एक सिपाही और होमगार्ड उसे लेकर आये थे। जिन्होंने उसकी बेरहमी से पिटाई की और युवक को अधमरा कर दिया, जिससे उसकी मौत हुई है।
Baghpat News: बागपत के खेकड़ा थाना क्षेत्र के रटौल गांव में 28 वर्षीय युवक की पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगा है। परिजनों का कहना है कि पुलिस की पिटाई से युवक की हालत बिगड़ गई, जिसकी इलाज के लिये ले जाते समय मौत हो गई। गुस्साए स्वजनों ने चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया और घंटों हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है और मामले की तफ्तीश में जुट गई है।
पुलिस चौकी में बेरहमी से पिटाई की आरोप
आपको बता दे कि रटौल गांव निवासी 28 वर्षीय साजिद अब्बासी पुत्र बाबू अब्बासी कुछ युवकों के साथ आम के बाग में बैठा हुआ था। संदिग्ध हालत में देख पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस को देख सभी भाग निकले। पुलिस ने भाग कर साजिद अब्बासी को पकड़ लिया और चौकी ले आई। साजिद पेंटर बताया जा रहा है। आरोप है कि रटौल पुलिस चौकी पर साजिद अब्बासी को थर्ड डिग्री दी गई, उसे पुलिसकर्मियों ने जमकर पीटा जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गयी, जिसके बाद उसे स्वजनों को सौंप दिया गया। युवक के स्वजन उसे लेकर खेकड़ा चिकित्सक के पास ले गए लेकिन उससे पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बल प्रयोग कर खुलवाया जाम
स्वजनों का आरोप है कि पुलिस चौकी पर तैनात एक सिपाही और होमगार्ड उसे लेकर आये थे। जिन्होंने उसकी बेरहमी से पिटाई की और युवक को अधमरा कर दिया, जिससे उसकी मौत हुई है। गुस्साए स्वजनों और स्थानीय लोगां ने शव रटौल चौराहे पर रख दिया और जमकर हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख खेकड़ा पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे लोगो को समझाना चाहा, लेकिन बात नहीं बनी। बाद में सीओ खेकड़ा प्रीता सिंह, सीओ बागपत विजय चौधरी और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और बल प्रयोग कर विरोध के बावजूद दो घंटे बाद शव पोस्टमार्टम के लिए बागपत भिजवाया। फिलहाल मृतक युवक के परिजनों का रो-रोकर खराब हाल है और पीड़ित आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वही इस मामले पर एसपी बागपत अर्पित विजयवर्गीय देर रात समाचार लिखे जाने तक मीडिया के कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचते रहे।