अधिशासी अधिकारी की मौत, पुलिस ने तेज किये आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास
हालांकि आरोपियों के अपना मोबाइल न उपयोग करने के कारण पुलिस को लोकेशन ट्रेस करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बलिया: मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय की मौत के मामले में नोडल अधिकारी के जिले में आने के साथ ही पुलिस पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस ने नगर पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिया है। तथा उनपर दबाव बनाते हुए उनके परिजनों को हिरासत में ले लिया है।
नोडल अधिकारी ने ली पीसीएस अधिकारी की मौत की जानकारी
प्रदेश शासन के नोडल अधिकारी अपर पुलिस महानिदेशक दूरसंचार डॉ सुनील गुप्ता ने कल मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय की मौत के मामले में जानकारी ली तथा इसके बाद पुलिस पूरी तरह से ऐक्शन मोड में आ गई। पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उपाधीक्षक शहर अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की है। इस टीम में शहर कोतवाल विपिन सिंह, उभांव थानाध्यक्ष योगेंद्र बहादुर सिंह व मनियर थानाध्यक्ष नागेश उपाध्याय शामिल किए गए हैं। पुलिस टीम ने बीती रात्रि आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में कोई आरोपी पुलिस के हत्थे नही चढ़ा। आरोपियों पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता के भाई तथा कम्प्यूटर लिपिक अखिलेश के भाई को हिरासत में ले लिया है। पुलिस टीम की नजर आरोपियों के वर्तमान लोकेशन पर टिकी हुई है।
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हालांकि आरोपियों के अपना मोबाइल न उपयोग करने के कारण पुलिस को लोकेशन ट्रेस करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ भी आज मनियर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस टीम से नगर पंचायत से सम्बंधित अभिलेखों व गिरफ्तारी को लेकर चर्चा की। सोमवार की तिथि को इस मामले में खास माना जा रहा है। पुलिस कल बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत मौर्य से उनके दो पत्र का सत्यापन कराएगी। उल्लेखनीय है कि पुलिस को छानबीन के दौरान उप जिलाधिकारी के दो पत्र हासिल हुए हैं। बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत मौर्य अपने 15 अप्रैल के पत्र में अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय के शिकायती पत्र को जिलाधिकारी को संदर्भित करते हैं। इस पत्र में अधिशासी अधिकारी द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना में मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा सहयोग न करने व अवैधानिक कार्यो हेतु दबाव बनाते हुए कार्यो में व्यवधान उत्पन्न करने की शिकायत की गई है। बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत मौर्य अपने 1 जून 2020 के पत्र में अपर जिलाधिकारी को जांच आख्या प्रेषित करते हैं।
अधिशासी अधिकारी के पत्र को बनाया आधार
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उप जिलाधिकारी ने अपनी जांच आख्या में अधिशासी अधिकारी के दिनांक 23 अप्रैल 2020 को दिए गए शिकायती प्रार्थना पत्र को आधार बनाया है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि आपके निर्देशानुसार नगर पंचायत मनियर कार्यालय से पत्रावली तलब कर निरीक्षण किया गया है। पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि एक से लेकर कुल 34 कार्यों को कराने के लिए पत्रावली तैयार की गई है। अवलोकन में सामने आया कि नगर पंचायत के भिन्न-भिन्न वार्डो मे कार्य कराने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाला गया है। अधिशासी अधिकारी द्वारा सभी पत्रावलियों में नोट शीट लगाया गया है कि सभी निविदाएं खुली हुई हैं तथा पत्रावली में तुलनात्मक चार्ट एवं कार्यादेश पहले से ही संलग्न है। इस पर न तो उनका और न ही अध्यक्ष का हस्ताक्षर बना है तथा निविदाओं में कोई भी कार्य बोर्ड की बैठक में स्वीकृत नहीं कराए गए हैं।
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ऐसी परिस्थिति में उक्त निविदाओं की गोपनीयता , पारदर्शिता एवं सुचिता संदिग्ध प्रतीत होती है। ऐसे में उक्त निविदाओं को निरस्त कर पुन: नियमानुसार कराया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: पूर्व में कराए गए सभी टेंडर को निरस्त कर पुन: टेंडर कराये जाने हेतु संस्तुति आख्या सहित सेवा में प्रेषित है। पुलिस टीम कल मनियर नगर पंचायत के कार्यालय पर मणि मंजरी की नियुक्ति से लेकर अब तक हुए कार्यो की फ़ाइल खंगालेगी। इस बीच पुलिस ने बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत मौर्य के साथ ही आरोपी सिकंदरपुर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी संजय राव को बयान देने के लिए तलब किया है।
रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर